नई दिल्ली। इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और जानी मानी समाजसेविका सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मानोनीत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये जानकारी साझा की। सुधा मूर्ति भी हैं। सुधा इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं।
I am delighted that the President of India has nominated @SmtSudhaMurty Ji to the Rajya Sabha. Sudha Ji’s contributions to diverse fields including social work, philanthropy and education have been immense and inspiring. Her presence in the Rajya Sabha is a powerful testament to… pic.twitter.com/lL2b0nVZ8F
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2024
पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मुझे खुशी है कि भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा में के लिए मनोनित किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा मूर्ति का योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।
सुधा मूर्ति प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका हैं। सुधा मूर्ति ने अपने जीवन में आठ उपन्यास लिखे हैं। वह देश की ऑटो मैन्युफैक्चर इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर भी रही हैं। उनके स्पीच सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होते हैं। नारायण मूर्ति जहां इंफोसिस के काम में बिजी रहते हैं, वहीं सुधा मूर्ति सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। नारायण और सुधा की शादी साल 1978 में हुई थी।
सुधा मूर्ति का जन्म उत्तरी कर्नाटक के शिगगांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता डॉ. आरएच कुलकर्णी पेशे से एक सर्जन थे। उनकी मां का नाम विमला कुलकर्णी था। सूधा मूर्ति पढ़ने में बहुत अच्छी थीं। बचपन से ही उन्हें पढ़ाई का बेहतर माहौल मिला। सुधा मूर्ति बचपन से साहित्यिक थीं। सुधा मूर्ति ने बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। वे पढ़ाई में हमेशा से अव्वल थीं इसके लिए उन्हें स्वर्ण पदक मिल चुका है। उन्होंने साल 1974 में भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से कंप्यूटर साइंस की मास्टर लेवल की पढ़ाई की। यहां भी उन्हें गोल्ड मेडल मिला।