नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और उनकी सरकार में शामिल रहे कैबिनेट के कुछ सदस्यों को धार्मिक सजा दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने सुखबीर बादल को गुरुद्वारे में वॉशरूम साफ करने, जूठे बर्तन धोने समेत अन्य सजा सुनाई है। सुखबीर सिंह बादल को अपना वो अपराध कबूल करने पर यह सजा सुनाई गई है जिसमें उन्होंने शिरोमणि अकाली सरकार के दौरान जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी देने के लिए उन पर दबाव डाला। दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी इसमें शामिल थे क्योंकि वो उस समय सीएम और सुखबीर डिप्टी सीएम थे। इसी के साथ प्रकाश सिंह बादल को मिली फख्र-ए-कौम उपाधि को भी वापस ले लिया गया।
सजा के तौर पर करने होंगे ये काम
– 5 गुरु घरों के बाहर हाथ में भाले लेकर सेवादार की सेवा करनी होगी। इस दौरान गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी।
– इसके बाद एक घंटे तक लंगर में जूठे बर्तन को साफ करना होगा।
– फिर नहा धोकर लंगर सेवा करनी होगी।
– श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा।
अकाल तख्त ने दो महीने पहले सुखबीर बादल को ‘तनखैया’ घोषित कर दिया था। धार्मिक काम में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को ‘तनखैया’ कहा जाता है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल की कार्य समिति को तीन दिनों में सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि पिछले महीने ही सुखबीर बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था हालांकि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल को निर्देश दिया है कि जल्द ही पार्टी की नई कमेटी को लेकर चर्चा की जाए और नए सदस्यों की नियुक्तियां हो।