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Himachal Politics : हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा करके बुरी तरह फंसी सुक्खू की सरकार? बिगड़ने लगी बात तो PM मोदी से मदद की गुहार
Himachal Politics : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए केंद्र की आर्थिक मदद की आवश्यक्ता है।
शिमला। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में कांग्रेस ने बहुमत की सरकार बनाई काफी लाग लपेट के बाद फिर मुख्यमंत्री चुने गए सुखविंदर सिंह सुक्खू, हिमाचल की सियासत का एक बड़ा नाम, ठाकुर समुदाय का चेहरा जिसके सहारे कांग्रेस ने हिमाचल में ठाकुर ब्राह्मण दोनों समुदायों को साध लिया। लेकिन हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू करने का वादा प्रदेश की जनता से किया था। इस वादे ने चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई। जनता ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया।
अब उस वादे को पूरा करने की बारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की है। उन्होंने भले ही पहली कैबिनेट में इसको लेकर फैसला लेने की बात कही है, लेकिन कांग्रेस विधायक फंड की कमी की बात कह रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए केंद्र की आर्थिक मदद की आवश्यक्ता है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से पहाड़ी राज्य को विशेष आर्थिक सहूलियत देने की अपील की है।
वहीं ट्रिब्यून इंडिया में एक खबर छपी है जिसके अनुसार, विक्रमादित्य सिंह ने साफ शब्दों में कहा, ”हिमाचल प्रदेश को बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार के समर्थन की आवश्यकता होगी। हमें पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी। मैं प्रधानमंत्री और उनकी सरकार से राज्य के प्रति उदारता दिखाने का आग्रह करता हूं।”
विक्रमादित्य सिंह ने PM मोदी और हिमाचल के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच एक सकारात्मक संबंध की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने देश भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अपने पिता वीरभद्र सिंह के संबंधों का हवाला दिया। अर्थशास्त्रियों ने जताई आशंका हिमाचल प्रदेश की नई नवेली कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने का वादा किया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश का ऋण-जीएसडीपी जीएसडीपी के 43% के करीब था। अर्थशास्त्रियों ने आशंका व्यक्त की है कि इससे राज्य के विकास की संभावनाओं को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। कर्ज में और वृद्धि होगी। वहीं, इस मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के वित्त विभाग को एक विस्तृत प्रस्ताव के साथ जल्द से जल्द आने का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि वह कांग्रेस द्वारा किए गए 10 वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की भी सिफारिश की है।