
नई दिल्ली। भारत-कनाडा विवाद पर भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर कनाडा को खूब सुनाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने इस विशेष मामले पर अपनी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट कर दी है। कनाडा सरकार ने हमारे साथ कोई भी जानकारी साझा नहीं की है। कनाडा ने गंभीर आरोप लगाए हैं लेकिन इसका समर्थन करने के लिए कोई सबूत अब तक नहीं दिए हैं। जहां तक आरोपों का सवाल है, कल कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खुद ही इस को स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत को कोई सबूत मुहैया नहीं कराए हैं सिर्फ खुफिया जानकारी के आधार पर आरोप लगा दिए। जहां तक हमारे रुख का सवाल है, हम अपने राजनयिकों के खिलाफ झूठे आरोपों को एक बार फिर सिरे से खारिज करते हैं।
#WATCH | On India-Canada Row, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, ” We have made our position very clear on this particular matter. You would have seen that several press releases have been issued in the last two days putting out our position, which we are very clear, that… pic.twitter.com/7V3wOKMH60
— ANI (@ANI) October 17, 2024
कनाडा में भारतीय मूल के पत्रकारों को धमकाने और हाल ही में सामने आई घटनाओं के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ये उन लोगों द्वारा धमकी और हिंसा के स्पष्ट उदाहरण हैं जो खुलेआम चरमपंथी विचारधाराओं और अलगाववादियों का समर्थन करते हैं। ये घटनाएँ यह भी दर्शाती हैं कि कनाडा आज किस स्थिति में है। भारत पर बिना वजह दोष मढ़ने की उसकी मंशा किसी भी तरह से काम नहीं कर रही है।
Watch: Regarding the intimidation of Indian-origin journalists in Canada, and the recent incidents that have come to light, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, “I would like to say that these are clear examples of intimidation and violence by those who openly espouse extremist… pic.twitter.com/xTZdRGgNCe
— IANS (@ians_india) October 17, 2024
जायसवाल ने बताया कि कनाडाई पक्ष के पास 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं, ये पिछले दशक या उससे अधिक समय से हैं, इसके साथ ही कई अनंतिम गिरफ्तारी अनुरोध भी हैं जो कुछ अपराधियों के कनाडाई पक्ष के पास भी लंबित हैं। हमने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह सहित अन्य गिरोह के सदस्यों के संबंध में कनाडाई सरकार के साथ सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा की और उनसे उन अपराधियों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया, अभी तक हमारे अनुरोध पर कनाडाई पक्ष द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह वाकई अजीब है कि हम जिन लोगों को निर्वासित करना चाहते थे या जिन पर कार्रवाई करना चाहते थे, अब कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस उन लोगों द्वारा किए गए अपराधों के लिए भारतीय पक्ष को दोषी ठहरा रही है।
#WATCH | MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, ” There are 26 extradition requests pending with Canadian side, these are over the last decade or more, along with that there are several provisional arrest requests which are also pending with Canadian side of certain… pic.twitter.com/WQnLsj2DoZ
— ANI (@ANI) October 17, 2024