
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल मुश्किल में हैं। चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ से माफी मांगने के मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) सिब्बल और कौल से नाराज है। एससीबीए के 235 सदस्यों का मानना है कि सिब्बल और कौल ने चीफ जस्टिस से माफी मांगकर गलती की है। इन एससीबीए सदस्यों ने प्रस्ताव पेश कर कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल पर कार्रवाई की मांग की है। अगर ये प्रस्ताव पास हो गया, तो सिब्बल और कौल की एससीबीए सदस्यता रद्द भी हो सकती है। एससीबीए के सदस्यों का कहना है कि कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल ने बिना एक्जीक्यूटिव कमेटी की मंजूरी या सलाह लिए ही चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ से माफी मांगी।
सिब्बल और कौल के खिलाफ प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले एससीबीए की एक्जीक्यूटिव कमेटी के 184 सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह का पक्ष लिया था। इन सदस्यों ने बैठक कर 16 मार्च को एससीबीए की जनरल बॉडी की बैठक बुलाने का फैसला किया था। हुआ ये था कि सुप्रीम कोर्ट के लिए जो नई जमीन मिली है, उसमें वकीलों के चेंबर के लिए जगह के आवंटन के बारे में एक केस है। इसकी मेंशनिंग एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने की थी। चीफ जस्टिस ने इसे आगे मेंशन करने को कहा। इस पर विकास सिंह ने कहा था कि मैं कई बार से आपके सामने मामले को उठा रहा हूं। लगता है मुझे अब आपके आवास आना पड़ेगा। इसी पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और विकास सिंह के बीच तीखी बहस हुई थी। चीफ जस्टिस ने कहा था कि हम किसी के दबाव में नहीं आने वाले और विकास सिंह को कोर्ट से चले जाना चाहिए।
विकास सिंह का कहना है कि वो पिछले 6 महीने से इस मामले में सुनवाई की गुजारिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि एससीबीए को अप्पू घर की जमीन पर सिर्फ एक ब्लॉक दिया गया है। जिसका केस लिस्ट ही नहीं हो रहा है। वहीं, कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल ने उसी दिन बाद में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से इस मामले में माफी मांगी थी। उन्होंने ये भी कहा था कि एससीबीए को मर्यादा नहीं तोड़नी चाहिए। सिब्बल ने कहा था कि सुबह जो भी हुआ, उसके लिए हम आपसे माफी मांगते हैं। इसी पर अब एससीबीए में दोनों सीनियर वकीलों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव लाया गया है।