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Patanjali Misleading Advertisement Case : सुप्रीम कोर्ट ने अब आईएमए अध्यक्ष को लगाई फटकार, कहा-रामदेव की तरह क्यों नहीं छपवाया सार्वजनिक माफीनामा

Patanjali Misleading Advertisement Case : सुप्रीम कोर्ट ने डा. अशोकन को चेतावनी देते हुए कहा कि आप सोफे पर बैठकर साक्षात्कार नहीं दे सकते। पीठ ने आईएमए के वकील से कहा कि बेहतर होगा आईएमए अध्यक्ष रामदेव की तरह सार्वजनिक रूप से अखबार में विज्ञापन छपवाकर माफी मांगें।

नई दिल्ली। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आर.वी. अशोकन को फटकार लगाई है। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि आप आईएमए के अध्यक्ष हैं, 3.50 लाख डॉक्टर इसके मेंबर्स हैं। आप लोगों पर क्‍या इंप्रेशन जमाना चाहते हैं? आपने सार्वजनिक रूप से माफी क्यों नहीं मांगी? आपने अपना माफीनामा अखबार में प्रकाशित क्यों नहीं करवाया?’ उन्होंने डा. अशोकन को चेतावनी देते हुए कहा कि आप सोफे पर बैठकर प्रेस को साक्षात्कार नहीं दे सकते। पीठ ने आईएमए के वकील से कहा कि बेहतर होगा आईएमए अध्यक्ष रामदेव की तरह सार्वजनिक रूप से अखबार में विज्ञापन छपवाकर माफी मांगें।

इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, आईएमए को अपने डॉक्टरों पर भी विचार करना चाहिए, जो अक्सर मरीजों को महंगी और गैर-जरूरी दवाएं लिख देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से कहा कि जब वह पतंजलि पर उंगली उठा रहा है तो चार उंगलियां उन पर उठ रही हैं। आपके डॉक्टर भी एलोपैथी क्षेत्र में दवाओं का समर्थन कर रहे हैं। यदि ऐसा हो रहा है, तो हमें आप (आईएमए) पर नजर घुमानी चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद आईएमए अध्यक्ष की ओर से मीडिया में इंटरव्‍यू दिया था, जिस पर उन्होंने कोर्ट की टिप्पणी के संबंध में बयान दिया था। आईएमए अध्यक्ष की इसी बात से कोर्ट ने नाराजगी जताई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद रामदेव को भी दो बार अखबार में माफीनामा छपवाना पड़ा। रामदेव ने पहले जो माफीनामा छपवाया उसके छोटे साइज से सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि माफीनामा उसी साइज में क्यों नहीं छपवाया जिस साइज में विज्ञापन छपवाया था, इसके बाद रामदेव को बड़े साइज में माफीनामा छपवाना पड़ा।