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Supreme Court on stubble Burning: ‘बंद कीजिए किसानों को खलनायक बनाना..हरियाणा से कुछ सीखिए’, SC ने लगाई पंजाब सरकार को फटकार

Supreme Court on stubble Burning: कोर्ट ने आगे कहा कि आप लोग अपनी विफलता को छुपाने के लिए किसानों को खलनायक बना रहे हैं। आखिर पराली जलाने के लिए उनके पास कोई तो कारण होगा। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब में संभावित पानी की कमी पर भी चिंता व्यक्त की।

नई दिल्ली। सर्दी की आमद होते ही दिल्लीवासियों पर प्रदूषण का सितम बढ़ जाता है। यह ढर्रा बना गया या अब रवायत हो चुकी है। इसका तो पता नहीं लेकिन इस प्रदूषण ने दिल्ली के बाशिंदों का जीना दुभर कर दिया है। अब बेचारे दिल्लीवासी करें तो करे क्या? केजरीवाल सरकार से इस बारे में कुछ कहो तो वो पंजाब सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ देती है। उधर, पंजाब ,सरकार से कहो तो वो हरियाणा को जिम्मेदार ठहराती है। वहीं हरियाणा से कहो तो वो उत्तर प्रदेश को। मतलब…कुल मिलाकर….आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा। लिहाजा अब स्थिति की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट को इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा है। आज इस पर सुनवाई भी हुई है। दिल्ली में जारी प्रदूषण के तांड़व को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई। आइए, आगे आपको बताते हैं कि सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ?

Supreme court

पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि, ‘खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है। आखिर आप क्या कर रहे हैं? आप लोग पराली जलाने की प्रक्रिया को 100 फीसद मुफ्त क्यों नहीं करते हैं? किसानों को किस तरह से वित्तीय रूप से प्रोत्साहित किया जाता है। इस बारे में आपको हरियाणा सरकार से सीख लेनी चाहिए। हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के मकसद से उल्लेखनीय कदम उठाए हैं।

कोर्ट ने आगे कहा कि आप लोग अपनी विफलता को छुपाने के लिए किसानों को खलनायक बना रहे हैं। आखिर पराली जलाने के लिए उनके पास कोई तो कारण होगा। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब में संभावित पानी की कमी पर भी चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से खुले में कूड़ा जलाने पर रिपोर्ट दाखिल करने की मांग की है।

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उधर, सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की घटनाओं पर रिपोर्ट भी दाखिल किया, जिसमें कहा गया है कि किसानों की आलाधिकारियों के साथ अब तक आठ हजार से भी अधिक बैठकें हो चुकी हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नतीजे में पाया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। हालांकि, अब तक पराली जलाने को लेकर हजारों प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है। वहीं, पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ से भी अधिक मुआवजा किसानों पर लगाया जा चुका है।