नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आगामी 18 अप्रैल को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिलाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। आज भी इस पर सुनवाई हुई, लेकिन अब मामले को लेकर संविधान की बड़ी पीठ को भेजने का फैसला किया गया है, जिसमें पांच जज शामिल होंगे। आज हुई सुनवाई के दौरान हिंदुत्व और इस्लाम से जुड़े विषय भी चर्चा में आए। अब अगली सुनवाई में कोर्ट का क्या फैसला रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी कर रही वरिष्ठ महिला अधिवक्ता निहारिका ने कहा कि सकारात्मक नतीजे की उम्मीद जताई है। बता दें कि निहारिका कंजरवाला याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पैरवी कर रही हैं।
दरअसल, समलैंगिक जोड़ो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिलाने की मांग की थी। हालांकि, इससे पहले समाज में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिलाने की मांग उठती रही है, लेकिन इससे पहले आज तक कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया गया था। वहीं, अब कोर्ट का इस पर क्या फैसला आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
इस मामले को लेकर हम एक सकारात्मक फैसले की उम्मीद कर रहे हैं। मामले को संविधान पीठ के आगे रखने का निर्देश दिया गया है जिससे हम खुश हैं: निहारिका करंजवाला, वकील, दिल्ली https://t.co/5Otu4g3PJs pic.twitter.com/xxu5vup2y8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2023
उधर, बीते रविवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर समलैंगिक विवाह को विधिक मान्यता दिलाने का विरोध किया था। हलफनामा में कोर्ट ने कहा था कि हमारे समाज में हमेशा से ही महिला-पुरुष के बीच शादी का चलन रहा है। जिसमें पति-पत्नी और बच्चे शामिल रहे हैं। अब अगर कोर्ट समलैंगिक विवाह को मंजूरी प्रदान कर देता है, तो इससे समाज में मौजूदा पारिवारिक प्रणाली को गहरा अघात पहंचेगा। लेकिन, हमारे समाज में जहां कुछ लोग समलैंगिक विवाह का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं कुछ समर्थन। अब ऐसे में यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट का इस पर क्या रुख रहता है।