![Swami Prasad Maurya : ‘सठिया गए हैं स्वामी प्रसाद मौर्य.. स्वामी रामभद्राचार्य ने रामचरितमानस को लेकर सपा नेता के विवादित बयान पर किया पलटवार](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2023/01/20230126_134130-1000x600.jpg)
नई दिल्ली। इन दिनों बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र में हुई कथा के बाद विवादों में है। उनके ऊपर चमत्कार के नाम पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लगाए गए और कहा गया कि वह लोगों को बरगलाने का काम करते हैं इसके अलावा कुछ नहीं। उन्हीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु हैं पद्म विभूषण से सम्मानित श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि वो सठिया गए है। स्वामी प्रसाद मौर्य की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। इसके अलावा उन्होंने PoK और धीरेंद्र शास्त्री के मुद्दे पर भी बातचीत की।
आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस समय सुर्खियों में हैं। उन पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं ‘सरकार’ इसे सनातन धर्म पर हमला बता रहे हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं। दूसरी ओर रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर भी विवाद खड़ा हो गया है। कुछ लोग इसे रामचरितमानस से निकालने की बात कर रहे हैं। ऐसे में आजतक ने बात की श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी श्री राम भद्राचार्य से। जिन्हें धीरेंद्र शास्त्री अपना गुरु मानते है। भद्राचार्य नेत्रहीन हैं और उन्हें मानस मर्मज्ञ माना जाता है। उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए बयान पर भद्राचार्य ने कहा कि वो सठिया गए है। स्वामी प्रसाद मौर्य की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि विनाशकाले विपरीत बुद्धि। उन्होंने इसके अलावा भी कई बातें कहीं।
इसके साथ ही आपको बता दें कि रामचरित मानस को संशोधित करने के आरोप पर बोले कि मैं 20 बार कह रहा हूं कि मैंने संशोधन किया ही नहीं था। पूछने वाले मूर्खों को संशोधन और संपादन का अंतर ही समझ नहीं आ रहा तो मैं क्या करूं? उन्होंने कहा- मुकदमा चला तो आरोप खारिज हो गए।। अखाड़ा परिषद और राम जन्म भूमि न्यास द्वारा आपत्ति के मुद्दे पर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज बोले कि वो तो मूर्ख लोग हैं, रामजन्म भूमि पर न्यास ने नहीं अखाड़ा परिषद ने आपत्ति की थी। सब मुकदमों से मेरे अनुकूल निर्णय आ गया है और उन सभी का मुंह बंद हो गया है। अब मुझे किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।