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UP Election: BJP ने बेटे को टिकट देने से किया था इनकार तो सपा में शामिल हो गए स्वामी प्रसाद मौर्य, अब अखिलेश ने भी दे दिया गच्चा

इससे पहले जब इस सीट से बीजेपी ने उनके बेटे को टिकट देने से इनकार कर दिया था तो उन्होंने खफा होकर सपा का दामन थाम लिया था। अब ऐसे में उनका अगला कदम क्या होगा। इसकी चर्चा अपने चरम पर है। बता दें कि ऊंचानगर वही सीट है, जहां से स्वामी प्रसाद मौर्य ने सियासत का ककहरा सीखते हुए मंत्री पद तक का सफर तय किया।

नई दिल्ली। स्वामी प्रसाद मौर्य…जी बिल्कुल…ये वही नाम है, जिसने बीते दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाकर रख दिया था। इस भूचाल से जहां सूबे की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में हाहाकार मच गया, तो वहीं अपनी खोई हुई सियासी जमीन को तलाशने की जुगत में जुटी सपा को लगा कि उसके हाथ कोई खजाना लग गया हो, लेकिन अब शायद सपा को यह खजाना रास नहीं आ रहा है। वो इसलिए, क्योंकि जिन उम्मीदों की नौका पर सवार होकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी से रूखसत होकर सपा का दामन थामा था, अब वो नौका डूबने की कगार पर आ चुकी है। दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य सपा से अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य को ऊंचाहार सीट से टिकट दिलवाने की जुगत में जुटे थे, लेकिन अफसोस सपा ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए इस सीट से मनोज पांडेय के हत्थे टिकट थमा दिया।

Swami Prasad

इससे पहले जब इस सीट से बीजेपी ने उनके बेटे को टिकट देने से इनकार कर दिया था, तो उन्होंने खफा होकर सपा का दामन थाम लिया था। अब ऐसे में उनका अगला कदम क्या होगा। इसकी चर्चा अपने चरम पर है। बता दें कि ऊंचाहार वही सीट है, जहां से स्वामी प्रसाद मौर्य ने सियासत का ककहरा सीखते हुए मंत्री पद तक का सफर तय किया। हालांकि, बाद में उन्होंने ऊंचाहार सीट से रूखसत होकर कुशीनगर के पडरोना सीट का रूख किया और इसके बाद उन्होंने बीएसपी का दाम थाम लिया। बाद में वे मत्री भी बनें, लेकिन उन्हें फिर बीएसपी भी रास नहीं आई, जिसके बाद उन्होंने अपना सियासी जायका बढ़ाने के लिए बीजेपी की नौका पर सवारी करने का मन बनाया, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अब उनका बीजेपी से भी मोह भंग हो गया और अब उन्होंने सपा का दामन थाम लिया है।

swami prasad maurya bjp

बताया जा रहा था कि इस चुनाव में बीजेपी ने स्वामी का काटने का मन बना लिया था। जिसकी भनक उन्हें लगी और उन्होंने अपनी चतुराई दिखाते हुए चुनाव से पहले सपा का दामन थामकर योगी सरकार के खिलाफ जिस तरह से तोहमतों की बारिश की थी, उससे आप वाकिफ ही होंगे। खैर, यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि उन्होंने सपा का दामन खुद के साथ-साथ अपने बेटे को भी टिकट दिलवाने की इच्छा के साथ किया था, लेकिन अब जब सपा ने उनकी यह इच्छा पूरी करने से मना कर दिया है, तो ऐसी स्थिति में वे कौन-सा कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।