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Swami Rambhadracharya On Hanuman Chalisa: ‘हनुमान चालीसा में 4 गलतियां, ठीक कराई जाएं’, स्वामी रामभद्राचार्य का Video

साथ ही स्वामी रामभद्राचार्य ने ये भी कहा कि 2024 में मोदी सरकार एक बार फिर बनने पर वो संतों के साथ सरकार पर दबाव बनाएंगे कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए। सभी संत मिलकर सरकार को इस बारे में संसद में प्रस्ताव पास कराने के लिए कहेंगे।

आगरा। तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य आजकल आगरा में हैं। यहां वो सत्संग कर रहे हैं। जगदगुरु की उपाधि प्राप्त स्वामी रामभद्राचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि के लिए गवाही दी थी। उन्होंने कोर्ट को जिस जैमीनीय संहिता का उदाहरण दिया था, उसे सही पाया गया था। हिंदू धर्म और पुराणों के बारे में स्वामी रामभद्राचार्य को बड़ा विद्वान माना जाता है। वो भी तब, जबकि बचपन से ही वो देख नहीं सकते। अब स्वामी रामभद्राचार्य ने हिंदुओं के लिए पवित्र माने जाने वाले हनुमान चालीसा में चार गलतियों की तरफ इंगित किया है। उन्होंने इन गलतियों को प्रिंटिंग मिस्टेक बताते हुए सुधारने के लिए कहा है।

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स्वामी रामभद्राचार्य ने मीडिया के सवाल पर हनुमान चालीसा में इन गलतियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा में लिखा है कि शंकर सुवन केसरी नंदन, इसकी जगह शंकर स्वयं केसरी नंदन होना चाहिए क्योंकि हनुमानजी तो खुद भगवान शंकर के अंश माने जाते हैं। आगे स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हनुमान चालीसा में है कि सब पर राम तपस्वी राजा। इसकी जगह सही ये है कि सब पर राम राज फिर ताजा। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा में है कि राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा। इसकी जगह सादर रहो रघुपति के दासा किया जाए। इसके अलावा लिखा है कि जो सत बार पाठ कर कोई। इसकी जगह यह सत बार पाठ कर जोही होना चाहिए।

उन्होंने इस मौके पर आगरा के मीना बाजार को भी सीता बाजार करने की मांग कर दी। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि वो मीना बाजार की जगह सीता बाजार ही कहेंगे। साथ ही स्वामी रामभद्राचार्य ने ये भी कहा कि 2024 में मोदी सरकार एक बार फिर बनने पर वो संतों के साथ सरकार पर दबाव बनाएंगे कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए। सभी संत मिलकर सरकार को इस बारे में संसद में प्रस्ताव पास कराने के लिए कहेंगे।