newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Taj Mahal Controversy: इधर ताजमहल के बंद तहखानों पर हाईकोर्ट में सुनवाई, उधऱ सामने आई उन्हीं तहखानों की कुछ Photos

Taj Mahal Controversy: एक तरफ जहां ताजमहल के बंद तहखानों को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस मसले पर अब सियासत भी गर्मा गई है। इसी बीच अब उन्हीं बंद तहखानों की कुछ असली तस्वीरें सामने आई है। बताया जा रहा है 1936 में जब सर्वे किया था तब ये तस्वीर ली गईं थी।

नई दिल्ली। आगरा का ताजमहल इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल आजकल सुर्खियों में है। बताते चलें कि, आज ताजमहल में बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच सुनवाई जारी है। इस दौरान जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा कि जनहित याचिका यानी PIL  व्यवस्था का दुरुपयोग न करें।  आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट में अयोध्या के रहने वाले भाजपा नेता डॉ रजनीश सिंह ने ताजमहल के 22 बंद दरवाजे को खुलवाने के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने ताजमहल की जगह तेजो महालय या शिव मंदिर के साथ-साथ हिन्दू देवताओं की मूर्तियां इसमें बंद होने का सनसनीखेज दावा किया था।

एक तरफ जहां ताजमहल के बंद तहखानों को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस मसले पर अब सियासत भी गर्मा गई है। इसी बीच अब उन्हीं बंद तहखानों की कुछ असली तस्वीरें सामने आई है। बताया जा रहा है 1936 में जब सर्वे किया था तब ये तस्वीर ली गईं थी। बता दें कि यह तहखाने करीब 5 दशक से पर्यटकों के लिए बंद किए गए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि ये तहखाने हमेशा से बंद रहते हो। ASI द्वारा इस तहखाने को समय-समय पर खोला जाता है। साल के शुरुआत में जनवरी में तहखाने में बने कमरों को संरक्षण कार्य के लिए खोला गया था।

इससे पहले राजस्थान के राजसमंद से भाजपा सांसद और जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी ने बड़ा दावा किया। दीया कुमारी ने कहा था कि, हमारे पास जो दस्तावेज है उसमें पहले ताजमहल राजपरिवार का पैलेस हुआ करता था और शाहजहां ने इस पर कब्जा कर लिया था। उस वक्त सरकार उनकी थी। यदि कोई गवर्नमेंट किसी जमीन को एक्वायर करती है तो उसके बदले में मुआवजा देती है। मैंने सुना है कि उसके बदले में कोई मुआवजा दिया, लेकिन उस वक्त ऐसा कोई कानून नहीं था कि उसके खिलाफ अपील या विरोध में कुछ कर सकते थे।