
चेन्नई। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने बिलों को मंजूरी न मिलने पर पहले गवर्नर के खिलाफ मोर्चा खोला। फिर हिंदी भाषा लागू न करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार से जंग की। अब एमके स्टालिन ने ऐसी बात कही है, जिससे नए सिरे से केंद्र के साथ उनकी ठन सकती है और इस पर विवाद होने के पूरे आसार हैं। सीएम एमके स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में कहा है कि वो राज्य की स्वायत्तता के लिए एक कमेटी बनाएंगे। सीएम स्टालिन ने विधानसभा में कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए। भारत में अलग-अलग भाषा, संस्कृति और जाति के लोग रहते हैं। तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने राजनीति और प्रशासन की ऐसी प्रणाली बनाई, जिससे सभी के हितों की रक्षा हो।
तमिलनाडु विधानसभा में सीएम एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि एक-एक कर राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपने मौलिक अधिकार के लिए केंद्र सरकार से लड़ रहे हैं। स्टालिन ने आगे कहा कि हम किसी तरह अपनी भाषा के अधिकार की रक्षा कर रहे हैं। तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि राज्य तभी विकास कर सकते हैं, जब उनके पास सभी शक्तियां हों। इसके बाद स्टालिन ने राज्य विधानसभा में एलान किया कि तमिलनाडु की स्वायत्तता के लिए जो कमेटी बनाई जा रही है, उसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ करेंगे। कमेटी में पूर्व आईएएस अशोक वरदान शेट्टी और नागराजन को भी रखे जाने की बात स्टालिन ने कही। जनवरी 2026 तक कमेटी को अंतरिम और 2028 तक अंतिम रिपोर्ट देनी होगी। कांग्रेस ने स्टालिन का समर्थन किया है।
VIDEO | Chennai: Congress MLA JMH Aassan Maulana backs Tamil Nadu CM MK Stalin’s move to bring a resolution for greater state autonomy in the Assembly. Here’s what he said:
“The Union government is deliberately putting a financial burden on Tamil Nadu. They want to stop the… pic.twitter.com/z7hmpp3JUW
— Press Trust of India (@PTI_News) April 15, 2025
स्टालिन ने भाषा के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा में कहा कि भाषाई स्वतंत्रता बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य खराब करने पर तुली है। वो हिंदी थोपना चाहती है। स्टालिन ने आरोप लगाया कि नई शिक्षा नीति लागू करने से रोकने पर केंद्र ने तमिलनाडु का 2500 करोड़ का फंड भी रोक दिया। बहरहाल, स्टालिन के तमिलनाडु के लिए स्वायत्तता की बात कहना काफी गंभीर माना जा रहा है। इस तरह की स्वायत्तता की व्यवस्था पहले जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ हद तक थी, लेकिन उसे भी खत्म किया गया है। तमिलनाडु को पूरी स्वायत्तता दिए जाने की मांग उठाकर स्टालिन ने विवाद का नया दरवाजा खोल दिया है।