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PM Museum And Library: नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर तिमलियाई कांग्रेस, तो पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे ने अपने तीखे सवालों से की बोलती बंद

PM Museum And Library: कांग्रेस लगातार सरकार के इस कदम का विरोध रही है, जिस पर अब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने कांग्रेस को आईना दिखाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कुछ ऐसे सवाल किए हैं, जिससे अवगत होने के बाद कांग्रेस यकीनन चुप्पी साधना ही मुनासिब समझेगी। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे ने क्या कुछ कहा है। 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर पीएम मेमोरियल सोसायटी संग्राहालय रख दिया जिसे लेकर सियासी संग्राम छि़ड़ गया है। कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को प्रतिशोध की राजनीति बताया है। वहीं सरकार ने नाम बदलने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि इस संग्राहालय में देश के सभी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुई उपलब्धियों का जिक्र किया गया है। ऐसी सूरत में इसे किसी विशेष प्रधानमंत्री के नाम से जाना जाए, यह उचित नहीं है, लिहाजा अब इसका नाम पीएम मेमोरियलस सोसायटी संग्राहालय रख दिया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि इसमें सभी प्रधानमंत्री द्वारा  रचे गए कीर्तिमानों का उल्लेख किया गया है, ना की किसी विशेष प्रधानमंत्री के द्वारा, लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद शुरू हुआ सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस लगातार सरकार के इस कदम का विरोध रही है, जिस पर अब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने कांग्रेस को आईना दिखाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कुछ ऐसे सवाल किए हैं, जिससे अवगत होने के बाद कांग्रेस यकीनन चुप्पी साधना ही मुनासिब समझेगी। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे ने क्या कुछ कहा है।


दरअसल, इस पूरे विवाद पर पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे नीरज शेखर ने कहा कि, ‘मेरे पिता पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी ने हमेशा राष्ट्रहित के लिए काम किया। उन्होंने कांग्रेस के साथ भी काम किया लेकिन उन्होंने कभी एक वंश से आगे नहीं देखा। अब जब पीएम नरेंद्र मोदी सभी दलों के प्रधानमंत्रियों को सम्मानित किया, कांग्रेस उत्तेजित हो रही है। भयानक रवैया।

वहीं, उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि, ‘मैं सभी कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं- वे कितनी बार पीएम म्यूजियम भी गए हैं? सोनिया जी या राहुल जी कभी रहे हैं? इस तथ्य को स्वीकार करने में उनकी असमर्थता कि एक वंश से परे लोगों ने हमारे राष्ट्र का निर्माण किया है, विकृत है और इसकी स्पष्ट निंदा की जानी चाहिए।

इसके अलावा उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि,’पीएम म्यूजियम में पार्टी लाइन से हटकर हर पीएम को गरिमा और सम्मान मिला है, उनके योगदान को रेखांकित किया गया है। यह पीएम को दिखाता है।

 

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा नेहरू मेमोरियल का नाम बदले जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर सबसे पहले विरोध दर्ज करवाया था , जिसमें उन्होंने कहा कि,’संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।


इसके बाद इस पूरे विवाद पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खगड़े ने भी ट्वीट कर विरोध दर्ज कराया। जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं ! Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती।


तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि केंद्र के इस कदम के बाद कांग्रेस बौखलाई हुई है। कांग्रेस की तरफ से लगातार मोर्चा संभालते हुए नेता केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन गौर करने वाली बात है कि अभी तक केंद्र की ओर से किसी ने भी इस पूरे विवाद पर किसी कुछ नहीं कहा है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।