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Punjab: भगवंत मान के आवास पर मुफ्त के खाने पर टूटे थे शिक्षक, 5 अध्यापकों को नोटिस जारी, वायरल हुआ था Video

Punjab: इस 5 अध्यापकों पर सख़्त एक्शन लेने की बात कहते हुए फाजिल्का के DEO सुखबीर सिंह बल्ल ने बताया, “वायरल हुई वीडियो में से सात अध्यापक नामज़द किये गए हैं लेकिन पांच अध्यापक ज़िला फाजिल्का के साथ सम्बन्धित हैं। जिनमें से 1 प्रिंसिपल,3 मुख्याध्यापक और एक BPEO है। सुखबीर सिंह बल्ल ने कहा कि मीटिंग दौरान घटी घटना काफ़ी शर्मनाक थी।

नई दिल्ली। बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था। ये वीडियो था पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य और अध्यापकों की मीटिंग का जिसमें मीटिंग के बाद अध्यापकों के लिए खाने का प्रबंध किया गया था। इस वीडियो में मुफ्त खाने को लेकर अध्यापकों के बीच काफी खींचतान देखने को मिली थी। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों के इसपर काफी रिएक्शन भी देखने को मिले। अब शिक्षा विभाग की तरफ से वीडियो में पहचाने गए सात अध्यापकों में से ज़िला फाजिल्का के पांच अध्यापकों को नोटिस जारी किया गया है।

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वायरल हुए वीडियो में खाने के दौरान अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। कुछ टीचर खाने पर एक साथ टूट पड़े थे। सीएम के घर में इस पार्टी में हुई अनुशासनहीनता की वीडियो सोशल मीडिया पर  खूब वायरल हुआ था। एक तरफ जहां लोग सोशल मीडिया पर खूब मजे ले रहे थे तो वहीं, बुद्धिजीवी और विरोधी पक्ष अध्यापकों के इस कारनामे को काफ़ी शर्मनाक बता रहे थे। बाद में महकमे की तरफ से इस वायरल हुए वीडियो पर सख़्त एक्शन लेते हुए इसकी विभागीय जांच की गई। जांच के दौरान सात अध्यापकों की पहचान की गई है। इन 7 में से 5 अध्यापक ज़िला फाजिल्का के साथ सम्बन्ध रखते हैं। जिनको विभाग की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया है।


वहीं, इस 5 अध्यापकों पर सख़्त एक्शन लेने की बात कहते हुए फाजिल्का के DEO सुखबीर सिंह बल्ल ने बताया, “वायरल हुई वीडियो में से सात अध्यापक नामज़द किये गए हैं लेकिन पांच अध्यापक ज़िला फाजिल्का के साथ सम्बन्धित हैं। जिनमें से 1 प्रिंसिपल,3 मुख्याध्यापक और एक BPEO है। सुखबीर सिंह बल्ल ने कहा कि मीटिंग दौरान घटी घटना काफ़ी शर्मनाक थी। इसे लेकर महकमे की तरफ से इन अध्यापकों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों द्वारा अपना पक्ष रखने के बाद ही सरकार की तरफ से फैसला लिया जाऐगा।