
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने 25 सितंबर को बिहार चुनाव को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बिहार में तीन चरणों में वोटिंग होगी। जिसमें पहला चरण 28 अक्टूबर को होगा, दूसरा चरण 3 नवंबर को और तीसरा चरण 7 नवंबर को होगा। तारीखों का ऐलान होते ही बिहार में सियासी पारा चढ़ने लगा है। वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी दल एनडीए (NDA) को हराने को लेकर विपक्षी दल एकजुट होकर महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, लेकिन महागठबंधन की इस तैयारी में कांग्रेस ने तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी को झटका दे दिया है। बता दें कि चुनावी तैयारियों के बीच आरजेडी (RJD) ने पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को सीएम उम्मीदवार घोषित करना शुरू ही किया था कि अब उसका विरोध भी होने लगा है।
दरअसल तेजस्वी की दावेदारी को लेकर महागठबंधन में शामिल कांग्रेस का कहना है कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे पर फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक एनडीए से अलग होने वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के उपेंद्र कुशवाहा ने बीते गुरुवार को कहा कि कांग्रेस राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में ‘तेजस्वी यादव के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करेगी’। उनके बयान के बाद कुछ ऐसा ही दिखने भी लगा है। कांग्रेस ने बिहार में तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकार करने के मन में नहीं है।
बता दें कि कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन में शामिल होने या न होने के सारे विकल्प उनके पास खुले हैं। हालांकि आरएलएसपी विधानसभा चुनावों में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
तेजस्वी की उम्मीदवारी पर कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बीते शुक्रवार को कहा कि बिहार के लोग चाहते हैं कि विपक्ष नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को बाहर करने के लिए एकजुट होकर लड़े और सभी दलों के लोगों की इच्छा का सम्मान हो। गोहिल ने कहा कि बिहार एक राजनीतिक रूप से जीवंत राज्य है और पार्टियों के बीच आपसी मतभेद होना स्वाभाविक है।
महागठबंधन की एकजुटता को लेकर गोहिल ने कहा कि “हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना है कि सभी समान विचारधारा वाले दल एक साथ रहें। बिहार की जनता बदलाव चाहती है। जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है। गोहिल ने कहा कि हमें लोगों की भावनाओं को समझना होगा और खराब शासन को दूर करने के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर पार्टी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, इसलिए कुछ जगहों पर मतभेद हो सकते हैं।
सीएम उम्मीदवारी को लेकर गोहिल ने कहा कि किसी घोषणा से पहले गठबंधन के सभी साथी चर्चा करेंगे और चुनाव से पहले सबकी सहमति से एक सीएम चेहरे की घोषणा की जाएगी। यदि एक नाम पर सहमति नहीं बनी तो हम सीएम का उम्मीदवार घोषित किए बगैर ही चुनाव लड़ेंगे। गोहिल ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट अच्छा था। उन्होंने कहा कि इस बार भी, ‘हम और हमारे सहयोगी, जो भी हमारे साथ होंगे, सरकार बनाएंगे और लोगों के आशीर्वाद से सरकार बनाएंगे।’