हैदराबाद। तेलंगाना के डीजीपी ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रहे रोहित वेमुला की मौत की फिर से जांच कराने का फैसला किया है। डीजीपी की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि रोहित वेमुला की मां और कुछ अन्य लोगों ने पहले हुई जांच पर शक जताया है। ऐसे में मजिस्ट्रेट के यहां अर्जी देकर फिर से जांच कराई जाएगी। इससे पहले रोहित वेमुला की मौत के मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट आई थी। इस क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था और असली जाति उजागर हो जाने के डर से उसने आत्महत्या की थी।
Rohith Vemula death case | “As some doubts have been expressed by the mother and others of the deceased Rohit Vemula on the investigation conducted, it has been decided to conduct further investigation into the case. A petition will be filed in the Court concerned requesting the…
— ANI (@ANI) May 4, 2024
रोहित वेमुला की जनवरी 2016 में मौत हुई थी। इसके बाद विश्वविद्यालयों में दलित उत्पीड़न को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। यहां तक कि मोदी सरकार, तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्मृति इरानी और बंडारू दत्तात्रेय समेत कई पर विपक्ष ने आरोप लगाए थे। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अब भी लगातार रोहित वेमुला का मुद्दा उठाते रहते हैं। यहां तक कि कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए जो घोषणापत्र जारी किया है, उसमें भी रोहित वेमुला का जिक्र किया गया है। अब रोहित वेमुला की मौत के मामले में तेलंगाना की पुलिस की जो क्लोजर रिपोर्ट सामने आई है, उससे एक बार फिर सियासी माहौल गरमा गया है। बीजेपी ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे सत्य की जीत बताया है।
कांग्रेस पर तमाम लोग ये कहते हुए निशाना साध रहे हैं कि एक तरफ वो रोहित वेमुला की मौत के मामले में मोदी सरकार और तमाम बीजेपी नेताओं को घेरती रही है, लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार के दौर में ही ये साफ हो गया है कि रोहित वेमुला ने उत्पीड़न की वजह से जान नहीं दी थी। बता दें कि पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि रोहित वेमुला को पता था कि उनकी मां ने एससी जाति का सर्टिफिकेट दिलवाया था। पुलिस के अनुसार ये जाति प्रमाणपत्र भी फर्जी था।