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Maharashtra Porsche Case: पोर्श कांड में महाराष्ट्र पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही आई सामने, एक्सीडेंट स्पॉट पर गए थे 2 अधिकारी, लेकिन कंट्रोल रूम को नहीं दी जानकारी

Maharashtra Porsche Case: जिस वक्त ये हादसा हुआ उस दौरान जोन-1 के डीसीपी गिल भी नाईट ड्यूटी राउंड पर निकले थे। लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई। इसके पीछे ये कारण था कि दोनों ने पुलिस कंट्रोल रूम तक ये हादसे की जानकारी दी ही नहीं थी।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में रईसजादे के पोर्श कांड की वजह से लगातार लोगों में आक्रोश बना हुआ है। इस केस में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इसी मामले में एक और पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस वक्त अपनी पोर्श कार से नाबालिग ने कुचला था, घटना के बाद यरवदा पुलिस स्टेशन के दो अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। लेकिन घटना की सूचना उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को दी ही नहीं थी।
इस लापरवाही के चलते महाराष्ट्र पुलिस के इन दोनों पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की जा सकती है।

जानकारी के अनुसार जिस वक्त ये हादसा हुआ उस दौरान जोन-1 के डीसीपी गिल भी नाईट ड्यूटी राउंड पर निकले थे। लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई। इसके पीछे ये कारण था कि दोनों ने पुलिस कंट्रोल रूम तक ये हादसे की जानकारी दी ही नहीं थी।

गौर करने वाली बात ये है कि इससे पहले जब मीडिया के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई तो एसपी ने इस घटना के बारे में कहा कि नाबालिग आरोपी के पिता के दावों को हमने सिरे से नकार दिया है क्योंकि सीसीटीवी फुटेज से साफ़ तौर पर नजर आ रहा है कि नाबालिग आरोपी ने ही घर के बाहर इस पोर्श कार को निकाला था। इसके साथ ही एसपी ने इस बात को भी सिरे से खारिज कर दिया कि कस्टडी के दौरान पिज़्ज़ा और बर्गर खाने के लिए दिए गए थे। एसपी ने जानकारी देते हुए कहा कि घटना के संबंध में ऐसी खबरें फ़ैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि आरोपी नाबालिग कार को ड्राइव नहीं कर रहा था। उसकी जगह पर गाड़ी कोई और चला रहा था। इसी के चलते हम ड्राईवर पर सबूतों को नष्ट करने के लिए FIR में धरा 201 जोड़ रहे हैं।