नई दिल्ली। राजस्थान के अलवर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक छोटा बच्चा ऑनलाइन गेमिंग की लत का शिकार होकर गंभीर झटके और मानसिक अस्थिरता से जूझ रहा है। बच्चे की पहचान गोपनीय रखी गई है। उसको विशेष देखभाल और सहायता के लिए अलवर के एक विशेष स्कूल में एडमिट कराया गया है। इस विशेष स्कूल के एक शिक्षक भवानी शर्मा ने बताया कि बच्चे की ऐसी परिस्थिति, PUBG, फ्री फायर जैसे गेम को लंबे समय तक खेलने का प्रत्यक्ष परिणाम है। ये नशे की लत की तरह लगने वाले मोबाइल गेम बच्चों विशेषकर युवा लोगों पर गहरा प्रभाव डालते हैं। जिसके विनाशकारी परिणाम होते हैं। इस विशेष मामले में गेम के प्रति बच्चे के जुनून और उसके बाद की हार ने उसे भारी मनोवैज्ञानिक क्षति पहुंचाई है।
#WATCH | Rajasthan | Case study of a child in Alwar who is suffering from severe tremors after being addicted to online gaming.
Special Teacher Bhavani Sharma says, “A child has come to our special school. As per our assessment and the statements of his relatives, he is a victim… pic.twitter.com/puviFlEW6f
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 12, 2023
भवानी शर्मा ने कहा, “इस बच्चे की दुर्दशा देखना वाकई हृदयविदारक है।” “हमारे आकलन और बच्चे के रिश्तेदारों के साथ चर्चा के आधार पर, यह स्पष्ट है कि वह गेमिंग की आभासी दुनिया में डूब गया, जहां हार के साथ-साथ अत्यधिक मेन्टल परेशानी भी होती है। अफसोस की बात है कि इस बच्चे की तरह कुछ लोग हार को सहन करने में असमर्थ हैं।” इन नुकसानों के परिणामस्वरूप आत्मघाती प्रवृत्ति या मानसिक स्थिरता के खोने जैसे नुकसान होते हैं।
बीते कुछ सालों में PUBG (PlayerUnknown’s Battlegrounds) और Free Fire जैसे वीडियो गेमिंग ऐप्स ने विशेष रूप से किशोरों के बीच लोकप्रियता हासिल की है। लेकिन इस खेलों के चलते ऐसी कई रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं कि बच्चों का ध्यान पढ़ाई, आउट डोर गेम्स, परिवार के साथ समय बिताने जैसे जरूरी बातों से भी हटा है। लेकिन बावजूद इसके ये खेल धड़ल्ले से खेले जा रहे है। अभी कुछ दिनों पहले ही दिल्ली से सटे गाजियाबाद से ऑनलाइन गेमिंग के जरिए धर्मांतरण की एक खबर भी सामने आई थी। ऐसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर बच्चे सॉफ्ट टार्गेट होते हैं। लेकिन गेम उनकी मानसिक हालात को बिगाड़ने के लिए भी जिम्मेदार हैं।