नई दिल्ली। जूनियर डॉक्टरों के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और आंदोलनकारी डॉक्टरों के बीच बातचीत का पहला दौर सोमवार (16 सितंबर) को कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर पूरा हो गया। बैठक के बाद ममता बनर्जी बाहर आईं, लेकिन बैठक के निष्कर्षों के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
चर्चा में प्रगति के लिए की गई चार कोशिशें विफल रहने के बाद, जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर महत्वपूर्ण बैठक के लिए पहुंचा। पहले, डॉक्टरों ने बैठक की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ और ‘वीडियो रिकॉर्डिंग’ की मांग की थी, जिसे राज्य सरकार ने ठुकरा दिया था। इसके परिणामस्वरूप, पूर्ववर्ती प्रयास असफल हो गए थे। हालांकि, बाद में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने अपनी मांग में थोड़ी नरमी बरतते हुए केवल बैठक के ब्यौरे को दर्ज करने और इसकी एक हस्ताक्षरित प्रति देने पर सहमति जताई। इस शर्त को पश्चिम बंगाल सरकार ने तुरंत स्वीकार कर लिया।
मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि दोनों पक्ष बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर करेंगे और एक-दूसरे को इसकी प्रतियां प्रदान की जाएंगी। इस बीच, डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ के बाहर धरना जारी रखा है। वे आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना में न्याय की मांग कर रहे हैं और कोलकाता पुलिस कमिश्नर तथा राज्य के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों की बर्खास्तगी की भी मांग कर रहे हैं।
मीटिंग में शामिल होने के लिए डॉक्टरों ने कहा कि उनके साथ दो पेशेवर स्टेनोग्राफर भी जाएंगे, जो बैठक का ब्यौरा रिकॉर्ड करेंगे। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी पांच मांगों से कम पर समझौता नहीं करेंगे, जो वे पहले ही सरकार के सामने रख चुके हैं।