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UP Health Model : उत्तर प्रदेश का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर देश के लिए बना मॉडल, वर्ष 2017 से पहले जर्जर भवनों में चल रहे सरकारी अस्पतालों की बदली दशा

UP Health Model : योगी सरकार ने कोरोना महामारी को मात देते हुए अब तक 16.88 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना टीके की दोनो डोज लगा चुकी है जबकि पूरे प्रदेश में काेरोना की डोज 39 करोड़ से अधिक लोगों को दी जा चुकी है। वहीं प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया गया। इसके साथ मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए 1838 सरकारी तथा 2150 निजी क्षेत्र की एमबीबीएस सीटों में वृद्धि की गई।

लखनऊ। आजादी के बाद दशक दर दशक खस्ताहाल हो चुकी यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को बीते 6 साल में ना सिर्फ पटरी पर लाया गया, बल्कि आज प्रदेश का हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर देश के लिए मॉडल बन कर उभरा है। कभी जर्जर भवनों में चल रहे सरकारी अस्पतालों की दशा तो बदली ही है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सुपर स्पेशियल्टी अस्पतालों तक व्यवस्थाएं चाक चौबंद दिख रही हैं। इसके अलावा हेल्थ एटीएम से लेकर टेली कंसल्टेंसी, वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज जैसी योजनाओं ने प्रदेश के स्वास्थ्य संरचना में आमूलचूल परिवर्तन के दौर की शुरुआत कर दी है। बीते 6 साल के योगी शासन पर नजर डालें तो इस दौरान ऐसे कई कार्य हुए हैं, जिनसे ना सिर्फ प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ हुआ है, बल्कि आम जनता की सेहत को लेकर सरकारी स्तर पर व्यापक गंभीरता भी दिखी है। ध्यान देने वाली बात ये है कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में प्रदेश सरकार के कोविड मैनजमेंट की प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन तक कर चुका है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को अपनाई वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज नीति

योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज नीति को अपनाया। इसके तहत अब तक प्रदेश में 65 मेडिकल कॉलेज से लोगों को गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। वहीं 22 मेडिकल कॉलेज के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इतना ही नहीं प्रदेशवासियों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अन्य राज्यों में न जाना पड़े, इसके लिए गोरखपुर और रायबरेली में एम्स का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही 552 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय हेल्थ वेलनेस केन्द्र के रूप में विकसित किए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश के 11 जिलों में 60 बेड के अस्पताल की स्थापना की गई है।

1838 सरकार और 2150 निजी क्षेत्रों में बढ़ाई गई एमबीबीएस सीटें
योगी सरकार ने मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए पिछले 6 वर्षों में 250 से अधिक एडवांस सपोर्ट सेवा का तोहफा दिया। इसके साथ ही प्रदेशवासियों को 2270 नेशनल एम्बुलेंस सेवा एवं 108 सेवा के तहत 2200 एम्बुलेंस की सौगात दी, जिससे मरीजों को बिना किसी असुविधा के आपातकालीन परिस्थितियों में बिना देर किए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। साथ ही अस्पताल से रेफर करने पर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। योगी सरकार ने कोरोना महामारी को मात देते हुए अब तक 16.88 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना टीके की दोनो डोज लगा चुकी है जबकि पूरे प्रदेश में काेरोना की डोज 39 करोड़ से अधिक लोगों को दी जा चुकी है। वहीं प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया गया। इसके साथ मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए 1838 सरकारी तथा 2150 निजी क्षेत्र की एमबीबीएस सीटों में वृद्धि की गई।

इसे भी जानें एक नजर में
– पीजी की सरकारी व निजी कुल 1747 सीटों की वृद्धि
– नर्सिंग में 7000 सीट्स तथा पैरामेडिकल में 2000 सीट्स की वृद्धि
– विशेष संचारी रोग नियंत्रण / दस्तक अभियान के तहत एईएस-जेई वायरस के खिलाफ सघन अभियान
– पूर्वांचल क्षेत्र दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) के कहर से मुक्त। इस बीमारी से होने वाली मौतों पर 96 प्रतिशत तक नियंत्रण ।
– आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 8.90 करोड़ लाभार्थियों को प्रति लाभार्थी रु.5 लाख तक निःशुल्क चिकित्सा सुविधा । मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में 11,63,24,557 करोड़ मरीजों का उपचार। राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स हेतु पं. दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस चिकित्सा योजना प्रारम्भ ।
– हेल्थ एटीएम का शुभारम्भ। प्रदेश के पीएचसी में हेल्थ एटीएम की स्थापना ।
– मिशन निरामयाः के तहत 300 संस्थाओं में नर्सिंग / पैरामेडिकल पाठ्यक्रम ।
– बंद पड़े 35 एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों को पुनः शुरू किया गया।
– नये वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए रु. 1 हजार 647 करोड़।
– नये वित्त वर्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हेतु रु. 12 हजार 631 करोड़।
– नये वित्त वर्ष में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री आरोग्य योजना हेतु रु. 250 करोड़ ।
– नये वित्त वर्ष में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु रु. 1400 करोड़ ।