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Mukherjee Nagar Fire: मुखर्जी नगर के कोचिंग संस्थान में हुए अग्निकांड का हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, नोटिस जारी कर तलब किया जवाब

Mukherjee Nagar Fire: उन्होंने रस्सियों और गद्दों की मदद से बच्चों को बचाया। इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी इस दिशा में सराहनीय कार्य किए जिसकी बदौलत कोचिंग संस्थान में पढने वाले सभी बच्चों को बचा तो लिया गया, लेकिन जैसा कि आपसे सवालिया लहजे में कहा था कि क्या इस हादसे को सिर्फ मामूली का तगमा पहनाकर नजरअंदाज करना मुनासिब रहेगा। जवाब स्पष्ट है, बिल्कुल भी नहीं। 

नई दिल्ली। गनीमत रही कि आग ने ज्यादा विकराल रूप धारण नहीं किया, अन्यथा कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी, लेकिन क्या सिर्फ घटना को मामूली मानकर उसे नजरअंदाज कर देना मुनासिब रहेगा। जवाब स्पष्ट है, बिल्कुल भी नहीं, लेकिन अब आपके जेहन में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर आप किस मसले के संदर्भ में यह भूमिका बना रहे हैं। दरअसल, हम दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में स्थित कोचिंग संस्थान में हुए अग्निकांड की बात कर रहे हैं। जिस तरह से बीते गुरुवार को कोचिंग संस्थान में आग ने अपना तांडव दिखाया उसे देखकर मौके पर मौजूद लोगों की रूह कांप गई। हालांकि, अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया कि यह आग ज्यादा भयावह नहीं थी। लिहाजा कोचिंग में पढ़ने वाले सभी बच्चे महफूज रहे। सभी को बचा लिया गया। इस दिशा में मौके पर मौजूद लोगों ने भी प्रशंसनीय कार्य किए। उन्होंने रस्सियों और गद्दों की मदद से बच्चों को बचाया। इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी इस दिशा में सराहनीय कार्य किए जिसकी बदौलत कोचिंग संस्थान में पढने वाले सभी बच्चों को बचा तो लिया गया, लेकिन जैसा कि आपसे सवालिया लहजे में आपसे कहा था कि क्या इस हादसे को सिर्फ मामूली का तगमा पहनाकर नजरअंदाज कर देना मुनासिब रहेगा। जवाब स्पष्ट है, बिल्कुल भी नहीं।

अब इसी दिशा में दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली अग्निशमन विभाग  और नगर निगम को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई आगामी चार जुलाई को सूचीबद्ध की गई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावे किए गए हैं कि नियमों को ताक पर रखते हुए मुखर्जी नगर इलाके में एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं, बल्कि बेशुमार कोचिंग संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन अफसोस जिस तरह से शिक्षा की आड़ लेकर नियमों की अवहेलना की जा रही हैं, उस पर संज्ञान लेने की जहमत कोई नहीं उठा रहा है।


ना ही दिल्ली सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाना जरूरी समझती है और ना ही दिल्ली नगर निगम और ना ही दिल्ली अग्निशमन विभाग।  लेकिन अब जिस तरह से बीते गुरुवार ने कोचिंग संस्थान में आग ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, उससे सीख लेते हुए बिना समय गंवाए दिल्ली हाईकोर्ट ने  इन सभी को नोटिस  जारी कर जवाब तलब किया है। अब देखना होगा कि इन सभी कीओर से क्या दलीलें पेश की जाती हैं।

Delhi High Court

बता दें कि जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि अग्निशमन विभाग को ऐसी सभी इमारतों में आग पर अंकुश लगाने की दिशा में सभी उपकरण लगाने होंगे। वहीं, सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी ने कहा कि इस घटना से सबक लेते हुए हमें यह देखना होगा कि जिन इमारतों में कोचिंग संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, उनके पास अग्निशमन विभाग की तरफ से प्रमाणपत्र दिए गए हैं की नहीं ? अगर नहीं दिए गए हैं, तो क्य़ों नहीं दिए गए ? इस दिशा में भी विचार करने की  आवश्यकता है।  बहरहाल, अब देखना होगा कि आगामी दिनों में कोर्ट की ओर से इस पूरे मसले पर क्या रुख अख्तियार किया जाता है।