नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस का एक बहुत ही मानवीय चेहरा सामने आया है। रूप नगर थाने में तैनात एसएचओ रमेश कौशिक और उनकी टीम में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए आग के धुएं से भरी एक बिल्डिंग में घुसकर चलने फिरने में लाचार 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला को बचाया। इस तरह से एसएचओ रमेश कौशिक और उनकी टीम में शामिल हेड कांस्टेबल रजनीश और कांस्टेबल जितेंद्र ने मानवता और बहादुरी की मिसाल पेश की है। वहीं, उस बुजुर्ग महिला ने भी दिल्ली पुलिस के एसएचओ रमेश कौशिक के साथ अन्य पुलिसकर्मियों को दिल से धन्यवाद देते हुए उन्हें दुआएं दी।
दिल्ली पुलिस @DCPNorthDelhi के रूप नगर थाने की टीम ने बुजुर्ग महिला की आग से जान बचाई
75 वर्षीय चलने से लाचार बुजुर्ग महिला आग की लपटों से घिर गई थी
बुजुर्ग महिला ने दिल्ली पुलिस को इस त्वरित और साहसिक कार्य के लिए धन्यवाद किया#DPUpdates pic.twitter.com/0UIDIkYe24
— Delhi Police (@DelhiPolice) November 19, 2024
दिल्ली पुलिस के मुताबिक रविवार दोपहर लगभग 2 बजे के आसपास रूप नगर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले शक्ति नगर में दो मंजिला इमारत में आग लगने की पीसीआर कॉल के जरिए सूचना मिली। थाना प्रभारी (एसएचओ) रमेश कौशिक तुरंत अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि बिल्डिंग से आग की लपटें निकल रही थीं और धुआं भी भरता जा रहा था। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे है। जिस बिल्डिंग में आग लगी थी उसमें रहने वाले दो परिवार निकलने सफल रहे, लेकिन धुआं आस पास की इमरतों में भी फैल रहा था।
आग वाली बिल्डिंग के बगल में बनी चार मंजिला इमारत में भी धुआं फैलना लगा जिसके चलते उस इमारत के अधिकांश लोग बाहर आ गए, मगर 75 वर्षीय, एक बुजुर्ग महिला चौथी मंजिल पर फंसी हुई थी। उनकी बहू ने एसएचओ कौशिक से मदद मांगी। महिला ने बताया कि उसकी सास डायबिटीज से पीड़ित हैं और खुद से चल फिर भी नहीं सकती हैं। इतना सुनते ही एसएचओ रमेश कौशिक, हेड कांस्टेबल रजनीश और कांस्टेबल जितेंद्र अपनी जान की बाजी लगाकर धुएं से भरी इमारत में घुस गए। बिल्डिंग की लिफ्ट काम नहीं कर रही थी। एसएचओ कौशिक और उनके दोनों साथियों ने अपने चेहरे पर रूमाल बांधा और किसी तरह सीढ़ियों से ऊपर पहुंचे।
एसएचओ रमेश कौशिक ने बताया कि ऊपर पहुंचकर हमने उस बुजुर्ग महिला को उठाया और उसे नीचे लाने लगे। धुआं इतना ज्यादा था कि हमें उतरते समय सीढ़ियां तक नहीं दिख रही थीं मगर हमारा लक्ष्य उस बुजुर्ग महिला को सुरक्षित बाहर निकालना था और हम ऐसा करने में सफल रहे।