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New Parliament Inauguration: नए संसद के उद्घाटन समारोह का मेगा प्लान आया सामने, जानें कब क्या होगा

आपको एक बार फिर से याद दिला दें कि नए संसद भवन का उद्घाटन आगामी 28 मई को होगा। जिसमें सत्तापक्ष के कई नेता शामिल होंगे। उधर, सभी विपक्षी दलों को भी आमंत्रित किया गया है, लेकिन आपको बता दें कि 20 विपक्षी दलों ने केंद्र के इस आमंत्रण का विरोध किया है, तो वहीं दूसरी तरफ कई विपक्षियों ने समर्थन किया है, जिसमें बीजू जनता दल, बसपा जैसे दल शामिल हैं।

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नई दिल्ली। नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन किसे करना चाहिए? पीएम मोदी या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू? इसी बात को लेकर विपक्षी दलों ने एकजुट होकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, विपक्षी दलों का तर्क है कि संविधान के मुताबिक संसद का प्रमुख राष्ट्रपति होता है, तो ऐसी सूरत में नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाए, तो ज्यादा उचित रहेगा, लेकिन केंद्र ने उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों कराने की य़ोजना बनाई है, जिससे खफा होकर विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी दल अब संविधान का राग अलाप कर कह रहे हैं कि नए संसद भवन का उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए।

अब विपक्षियों ने इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्मान से जोड़ दिया है। उधर, केंद्र की इस पर प्रतिक्रिया भी सामने आई है। खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने विपक्षियों को स्पष्ट कर दिया था कि हमें आपसे संविधान सीखने की जरूरत नहीं है। शाह ने असम में एक जनसभा को संबोधित करने के क्रम में कहा कि यह लोग जानबूझकर राष्ट्रपति का बहाना बनाकर सरकार का विरोध कर रहे हैं, लेकिन शायद इन लोगों को यह नहीं पता है कि मोदी सरकार को देश की जनता का आशीर्वाद प्राप्त है और इन लोगों के छिटपुट विरोध से हमारे और हमारे कामों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

आपको एक बार फिर से याद दिला दें कि नए संसद भवन का उद्घाटन आगामी 28 मई को होगा। जिसमें सत्तापक्ष के कई नेता शामिल होंगे। उधर, सभी विपक्षी दलों को भी आमंत्रित किया गया है, लेकिन आपको बता दें कि 20 विपक्षी दलों ने केंद्र के इस आमंत्रण का विरोध किया है, तो वहीं दूसरी तरफ कई विपक्षियों ने समर्थन भी किया है, जिसमें बीजू जनता दल, बसपा जैसे दल शामिल हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने तो यहां तक कह दिया है कि राष्ट्रपति द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराने को लेकर बहिष्कार करना अनुचित है। इसके अलावा सरकार ने इसे बनाया है, तो सरकार के पास ही इसका उद्घाटन करने का हक है। इसे आदिवासी महिला की अस्मिता से जोड़ना भी उचित नहीं है। यह उन्हें निर्विरुद्ध ना चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करके सोचना चाहिए, तो इस तरह से तमाम विरोध के बीच मायावती ने केंद्र सरकार का विरोध करने वालों को करारा जवाब दिया है। वहीं आइए आगे नए संसद भवन को लेकर अब क्या कुछ होगा। इसके बारे मे आगे विस्तार से जान लेते हैं।

आपको बता दें कि नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन आगामी 28 मई को होगा। उद्घाटन से पहले सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक हवन और पूजा होगी। पूजा के लिए पंडाल गांधी मूर्ति के पास लगाया जाएगा। वहीं, इस पूजा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा डिप्टी चेयरमैन सहित कई मंत्री मौजूद रहेंगे। पूजा के बाद 8:30 से 9 बजे के बीच में लोकसभा के अंदर सेन्गोल को स्थापित किया जायेगा। सुबह 9/9:30 बजे के करीब प्रार्थना सभा होगी। इस प्रार्थना सभा में कई बड़े और विद्वान पंडित और साधु ,संत रहेंगे। आदि शिव और आदि शंकराचार्य की पूजा हो सकती है। कार्यक्रम का दूसरा चरण दोपहर 12 बजे से शुरू होगा। राष्ट्रगान के साथ दूसरे चरण का कार्यक्रम शुरू होगा। इस मौक़े पर दो लघु फ़िल्मों की स्क्रीनिंग होगी। डिप्टी चेयरमैन राज्यसभा के द्वारा उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का संदेश पढ़ा जायेगा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता का भी इस मौक़े पर संबोधन होगा। इसके बाद लोकसभा स्पीकर का भी संबोधन होगा। इस मौक़े पर एक सिक्के और स्टेंप को भी रिलीज़ किया जायेगा। अंत में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन होगा। करीब 2/2:30 बजे कार्यक्रम का समापन होगा।

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