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Jharkhand: 30 साल का कब्जा हुआ खत्म, झारखंड के बूढ़े पहाड़ से नक्सलियों का हुआ काम तमाम, CRPF ने जमाया डेरा

CRPF: सीआरपीएफ डीजी ने बताया कि अब माना जा सकता है कि बिहार-झारखंड नक्सल मुक्त है। हांलाकि रंगदारी गिरोह के रूप में इन लोगों की उपस्थिति हो सकती है।

नई दिल्ली। झारखंड में नक्सलवाद को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। दरअसल, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बुधवार को मीडिया से मुखातिब होकर बताया है कि झारखंड में बूढ़ा पहाड़, मुक्त करा दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि ये जगह नक्सल बाहुल्य थी। इस जगह पर सेना ने अपनी फोर्स भेजी, इसके बाद वहां पर कैंप भी लगाया गया है। सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि ये ऑपरेशन तीन अगल-अगल प्रियाओं के द्वारा किया गया। अप्रैल 2022 से अब तक छत्तीसगढ़ में सात नक्सली, एमपी में तीन और झारखंड में चार नक्सली ऑपरेशन थंडरस्टॉर्म के तहत मारे गए हैं। इस दौरान कुल 578 माओवादियों ने आत्मसमर्पण भी किया है।


इसके बाद सीआरपीएफ डीजी ने बताया कि अब माना जा सकता है कि बिहार-झारखंड नक्सल मुक्त है। हांलाकि रंगदारी गिरोह के रूप में इन लोगों की उपस्थिति हो सकती है। लेकिन यहां पर कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां नक्सलियों का वर्तमान समय में दबदबा हो। इसके अलावा इन दो राज्यों बिहार और झारखंड में अब कोई ऐसी जगह कोई नहीं है, जहां सेना नहीं पहुंच सकती है।

जानकारी के लिए बता दें कि बूढ़ा पहाड़ झारखंड और मध्य प्रदेश के ट्राई जंक्शन पर है। ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस बात को सीआरपीएफ डीजी कुलदीप सिंह ने भी स्वीकार किया। ये गृह मंत्रालय की नक्सलवाद के विरोध की लड़ाई अंतिम चरण पर है।