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Nepal Plane crash Accident: कोर्ट का वो आदेश जो अशोक और वैभवी के लिए बना जानलेवा, नेपाल प्लेन हादसे में हो गए लापता

Nepal Plane crash Accident: मीडिया रिपोर्टस के मूताबिक जिस प्लेन में हादसा हुआ है, वह करीब 30 साल पुराना प्लेन है। तारा एयरलाइन की तरफ से इस प्लेन में सवार यात्रियों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा गया था कि प्लेन में क्रू समेत 22 लोग सवार थे। जिसमें 13 नेपाली, 4 भारतीय और 2 जर्मन नागरिक सवार थे।

नई दिल्ली। नेपाल में हुए प्लेन क्रैश हादसे में अब कई लोगों के लापता होने की खबर सामने आ रही है। दरअसल, यह प्लेन हादसा नेपाल के पहाड़ की चोटी से टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। पहाड़ की चोटी से टकराने के बाद करीब 100 मीटर तक के इलाके में शव और विमान का मलबा फैला हुआ है। इस हादसे के बारे में बात करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया कि विमान करीब 14,500 फीट की ऊंचाई पर टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। बता दें कि यह प्लेन रविवार को हादसे का शिकार हुआ था। तारा एयरलाइन की प्लाइट 9NAET नेपाल के पोखरा से जोससोम जा रही थी। मीडिया रिपोर्टस के मूताबिक जिस प्लेन में हादसा हुआ है, वह करीब 30 साल पुराना प्लेन है। तारा एयरलाइन की तरफ से इस प्लेन में सवार यात्रियों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा गया था कि प्लेन में क्रू समेत 22 लोग सवार थे। जिसमें 13 नेपाली, 4 भारतीय और 2 जर्मन नागरिक सवार थे। इसमें जो चार भारतीय लोग थे उनमें ये सब एक ही परिवार के लोग हैं, जिनमें से वैभवी त्रिपाठी, उनके पूर्व पति और दो बच्चें शामिल थे।

NEPAL PLAN

साल में 10 दिन मिलने का मिला था आदेश

जो परिवार विमान हादसे में लापता हो गया है उसमें पति, पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं। 54 वर्षीय अशोक कुमार त्रिपाठी उनकी 51 वर्षीय पत्नी वैभवी त्रिपाठी और इनके दो बच्चे 22 साल का बेटा धनुष और 15 साल की बेटी रीतिका है। ये लोग महाराष्ट्र के ठाणे के निवासी थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले ही अशोक और वैभवी के बीच तलाक हो गया था। इसके बाद फैमली कोर्ट ने पति अशोक कुमार को साल में एक बार अपने परिवार से मिलने का आर्डर दिया था। इस आर्डर में कहा गया था कि अशोक 10 के लिए बच्चों के साथ मिल सकते हैं। अब इसे तकदीर का खेल कहें या उपर वाले का बुलावा, लेकिन उस कोर्ट के ऑर्डर भी कहीं ना कहीं इनकी जान का दुश्मन बन कर सामने आया है। जिस कोर्ट ने इन्हें मिलने का आदेश दिया था, वहीं आदेश अब इनके लिए जानलेवा साबित हो गया।