नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की दुर्गति से तो आप वाकिफ ही होंगे। चाहे चुनाव लोकसभा का हो या विधानसभा का या हो नगर निगम का। अब तो हर चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खाने की आदत-सी पड़ चुकी है। अगर यकीन ना तो आप अभी हाल ही में हुए दीव नगरपालिका चुनाव को ही देख लीजिए। जहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया, तो वहीं बीजेपी अपना विजयी पताका फहराने में कामयाब हो गई। बता दें कि पिछले 15 सालों तक दीव में कांग्रेस का एकछत्र राज रहा है, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी ने सत्ता की डोर अपने हाथों में ले ली है।
ध्यान रहे कि दीव नगर पालिका चुनाव में बीजेपी ने 13 में से 6 सीटों पर जीत का पताका फहराया है। विगत 7 जुलाई को दीव नगरपालिका के चुनाव हुए थे, जिसके नतीजों की आज घोषणा हुई है, तो कांग्रेस के हाथ निराशा लगी। उधर, बीजेपी के हाथ सफलता लगी है। चलिए, आगे कि रिपोर्ट में हम आपको आंकड़ों के रूप में पूरी स्थिति समझाने की कोशिश करते हैं।
जानें पूरी स्थिति
दीव के भाजपा अध्यक्ष दीपेश टंडेल, राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रभारी विजय राहहटकर, सांसद लालू पटेल, चुनाव प्रभारी विशाल दंडल और जिग्नेश पटेल के नेतृत्व यह चुनाव लड़ा गया था. चुने गए 13 काउंसलर में से 7 महिला हैं, जबकि 9 काउंसलर युवा हैं जिनकी उम्र 45 से कम है। बहरहाल, दीव नगरपालिका चुनाव ने एक बार फिर यह साफ जाहिर कर दिया है कि बीजेपी की स्वीकार्यकता जनता के बीच जहां लगातार बढ़ती जा रही है, तो वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अब अपने वजूद की लड़ाई में ही मसरूफ हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस की मौजूदा शैली को देखकर लगता नहीं है कि वो अपनी दुर्गति को लेकर तनिक भी संजीदा है। अब ऐसे में देखना होगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपनी बदहाली से पार पाने के लिए आगे चलकर क्या कुछ कदम उठाती है। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम