नई दिल्ली। राजपथ को अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा। NDMC ने अपनी बैठक में राजपथ को कर्तव्य पथ का नाम दिए जाने तो मंजूरी दे दी है। इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने सभी देशवासियों को बधाई दी है। लेखी ने कहा, ”राजपथ का नाम बदलने का फैसला मातृभूमि की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।” बता दें, राजपथ राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का 3 किलोमीटर की लंबाई वाला रास्ता है। हर साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर ही परेड निकाली जाती है। बीते कुछ समय पहले ही केंद्र की मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का फैसला किया था। केंद्र सरकार के इस फैसले पर आज नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC) ने बैठक में आखिरी मुहर लगाई। बैठक में नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के साथ ही अब राजपथ, कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा।
कल पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
विजय चौक से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बनकर तैयार हो गया है। एक दिन बाद, 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। जिन लोगों को नहीं पता उनके लिए बता दें कि इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक राजपथ के दोनों ओर के क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहा जाता है।
We carried forward colonial mindset after Independence. Rajpath conveys you’ve come for ‘Raj’. PM said that country is celebrating Azadi ka Amrit Mahotsav & we’ve to end imperialistic policies, symbols. So, the name of Rajpath has been changed to Kartavya Path: Union Min M Lekhi pic.twitter.com/CxD7Sdij1Y
— ANI (@ANI) September 7, 2022
तीसरी बार बदला राजपथ का नाम
ये तीसरी बार है जब राजपथ का नाम बदला गया हो। ब्रिटिश शासन में इस सड़क को किंग्सवे (Kingsway) के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ कर दिया गया, जो कि किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है। वहीं, अब तीसरी बार इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है।
Visuals from the new Central Vista avenue and Kartavya Path#CentralVistaAvenue pic.twitter.com/0xnU9pQ5LQ
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) September 7, 2022
राजपथ का क्या है इतिहास?
– साल 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई। इसके बाद नई राजधानी को डिजाइन करने की जिम्मेदारी एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दी गई। साल 1920 में राजपथ बनकर तैयार हुआ और तब इसे किंग्सवे यानी ‘राजा का रास्ता’ कहा जाना लगा।
– इसके बाद साल 1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक नई सड़क का निर्माण हुआ जिसे किंग्सवे नाम दिया गया था। इसी के नाम पर दिल्ली में जो सड़क बनाई गई, उसका नाम भी किंग्सवे रखा गया था। जॉर्ज पंचम 1911 में दिल्ली आए थे और उन्होंने ही नई राजधानी का ऐलान भी किया था।
– वहीं, आजादी के बाद इसका नाम बदल दिया गया। बाद में इसे किंग्सवे की बजाय ‘राजपथ’ का नाम दिया गया। हालांकि, ये किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था। आजादी के बाद से ही 75 सालों से राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड यहां निकाली जाती है। वहीं, अब केंद्र सरकार की तरफ से इसका नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ रखा गया है।