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PM Narendra Modi At WITT Summit : भारत के विकास मॉडल पर दुनिया की नजर, डब्ल्यूआईटीटी समिट में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

PM Narendra Modi At WITT Summit : मोदी ने देश की मौजूदा प्रगति, आर्थिक स्थिति, विभिन्न विकास परियोजनाओं, सरकार द्वारा लागू किए गए कई महत्वपूर्ण सुधारों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय का भी जिक्र किया। पीएम ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जिस ईडी को दिन रात गालियां दी जाती हैं, उसने जनता के हक के 22 हजार करोड़ रुपये की वसूली की है।

नई दिल्ली। व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे समिट (डब्ल्यूआईटीटी) में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की मौजूदा प्रगति, आर्थिक स्थिति, विभिन्न विकास परियोजनाओं, सरकार द्वारा लागू किए गए कई महत्वपूर्ण सुधारों पर विस्तार से चर्चा की। मोदी बोले, भारत के विकास मॉडल पर पूरी दुनिया ध्यान दे रही है और इसकी सफलता को पहचान रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय का भी जिक्र किया। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जिस ईडी को दिन रात गालियां दी जाती हैं, उसने जनता के हक के 22 हजार करोड़ रुपये की वसूली की है।

पीएम मोदी ने कहा, पहले लोग कुओं और तालाबों से पानी लाने के लिए मजबूर थे, लेकिन आज हर घर नल से जल योजना के जरिए उस संघर्ष का समाधान हो गया है। इसका मतलब है कि सिर्फ एक दशक ही नहीं बदला है, बल्कि लोगों का जीवन भी बदल गया है। दुनिया भी भारत के विकास मॉडल पर ध्यान दे रही है और इसकी सफलता को पहचान रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दशक पहले गांवों में महिलाओं को शौच के लिए रात होने या सुबह जल्दी उठने का इंतजार करना पड़ता था, आज स्वच्छ भारत मिशन ने इसे बदल दिया है। 2013 में स्वास्थ्य सेवा का मतलब महंगा इलाज था, आज आयुष्मान भारत इसका समाधान प्रदान करता है। उस समय रसोई में धुआं भरा रहता था-आज उज्ज्वला योजना स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन सुनिश्चित करती है। पहले जब बैंक खातों के बारे में पूछा जाता था तो महिलाएं चुप रहती थीं-आज 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के पास जन धन खाते हैं।

पीएम बोले, भारत ने वैश्विक व्यवस्थाओं को अधिक सहभागी और लोकतांत्रिक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसका एक ऐतिहासिक उदाहरण भारत मंडपम में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन था, जहाँ अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्यता प्रदान की गई थी। यह एक लंबे समय से लंबित मांग थी जिसे भारत की अध्यक्षता में पूरा किया गया। आज, भारत वैश्विक निर्णय लेने वाली संस्थाओं में वैश्विक दक्षिण देशों की आवाज़ बन रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, डब्ल्यूएचओ का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए वैश्विक रूपरेखा जैसी पहल नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में भारत के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती हैं।