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Shiv Sena: न शिवसेना है और न उद्धव रहे अध्यक्ष, जानिए बाला साहेब ठाकरे की पार्टी का क्या हो सकता है भविष्य
हालांकि, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत का कहना है कि उद्धव को ही अध्यक्ष माना जाता रहेगा। चुनाव आयोग के फैसले के बाद इस बारे में आगे का कदम उठाया जाएगा। यानी मानने को लोग भले उद्धव को अध्यक्ष मानते रहें, लेकिन हकीकत ये है कि फिलहाल न तो शिवसेना ही है और न ही उसका कोई अध्यक्ष है।
मुंबई। न फिलहाल शिवसेना है और न ही उसका कोई अध्यक्ष। एक समय देश की ताकतवर हिंदूवादी पार्टी का फिलहाल ये हाल है। शिवसेना पर दावे की जंग चुनाव आयोग में उद्धव ठाकरे और बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे के बीच चल रही है। वहीं, 23 जनवरी को उद्धव ठाकरे का शिवसेना प्रमुख का कार्यकाल खत्म हो चुका है। हालांकि, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत का कहना है कि उद्धव को ही अध्यक्ष माना जाता रहेगा। चुनाव आयोग के फैसले के बाद इस बारे में आगे का कदम उठाया जाएगा। यानी मानने को लोग भले उद्धव को अध्यक्ष मानते रहें, लेकिन हकीकत ये है कि फिलहाल न तो शिवसेना ही है और न ही उसका कोई अध्यक्ष है।
बात चुनाव आयोग की करें, तो बताया जा रहा है कि शिवसेना के भविष्य के मामले में वो 30 जनवरी को सुनवाई कर सकता है। इस सुनवाई के बाद चुनाव आयोग की तरफ से फरवरी में फैसला आने की उम्मीद है। अगर फैसला एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में हुआ, तो इससे उद्धव ठाकरे और उनके गुट के नेताओं को जोर का झटका लग जाएगा। एकनाथ शिंदे ने जून 2020 में उद्धव से बगावत की थी। 39 विधायकों के साथ वो अलग हो गए थे और बीजेपी के सहयोग से महाराष्ट्र के सीएम बने थे। शिंदे के पक्ष में शिवसेना के 16 में से 12 सांसद भी आ गए। इससे उद्धव का खेमा काफी कमजोर हुआ है।
उद्धव ठाकरे को साल 2003 में पहली बार शिवसेना का अध्यक्ष चुना गया था। तब उनको अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव चचेरे भाई राज ठाकरे ने रखा था। बाद में राज और उद्धव ठाकरे के बीच मनमुटाव हो गया। फिर राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) बना ली। उद्धव को साल 2012 में शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के निधन के बाद भी शिवसेना का अध्यक्ष चुना गया था।