
नई दिल्ली। ये पूरी दुनिया चौंकाने वाले रहस्यों से भरी हुई है। वैसे तो हर गांव में आपको अपने बूढ़े बुजुर्गों से अचंभित करने वाली कहानियां और किस्सें सुनने को मिल जाएंगे, लेकिन कई ऐसी कहानियां भी हैं, जिन पर यकीन करना भी मुश्किल होता है। ग्राम प्रधान देश भारत में तो कई ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें सुलझाने में वैज्ञानिकों ने भी हार मान ली है। राजस्थान में ऐसा ही एक गांव है, जो अपनी एक विचित्र सी बात के लिए मशहूर है। राजस्थान के चुरू जिले में सरदारशहर तहसील के उडसर गांव में बीते 700 सालों से किसी भी व्यक्ति ने अपने घर का निर्माण दो मंजिला नहीं करवाया है। गांव के लोगों के अनुसार,” इस गांव को श्राप मिला हुआ है कि अगर कोई भी व्यक्ति इस गांव में दो मंजिला घर बनवाएगा तो उसके परिवार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस श्राप के पीछे की वजह काफी हैरान करने वाली है। आइए जानते हैं कि क्या है इस श्राप के पीछे की कहानी-
कहा जाता है कि इस गांव को 700 साल पहले एक ऐसा श्राप दिया गया था, जिसके बाद से पूरे गांव वालों का जीवन ही बदल गया। उस दिन के बाद से गांव में कोई भी दो मंजिला घर बनवाने की हिम्मत नहीं कर पाया। एक प्रचलित कहानी के अनुसार, करीब 700 साल पहले इस गांव में एक व्यक्ति रहता था, जिसका नाम ‘भेमिया’ था। एक दिन गांव में कुछ चोर आए और वो गांव वालों के पशुओं को चुरा कर ले जाने लगे। इन चोरों से भेमिया अकेले ही भिड़ गया। चोरों के साथ हुई इस लड़ाई में भामिया बुरी तरह से लहूलुहान हो गया। चोरों से बचने के लिए भेमिया अपने ससुराल पहुंचा और घर की दूसरी मंजिल पर छिप गया। लेकिन चोर उसका उसका पीछा करते हुए वहां भी पहुंच गए और उसे पकड़ लिया। यहां भी दोनों के बीच काफी लड़ाई हुई, इस लड़ाई में चोरों ने भेमिया का गला काट दिया। गला कट जाने के बावजूद अपने अंत तक भेमिया उन चोरों का मुकाबला करता रहा और किसी तरह से अपनी गांव की सीमा के पास पहुंच गया। अंत में भेमिया का धड़ उडसर गांव में गिर पड़ा।
जब इस बात की जानकारी भेमिया की पत्नी को हुई तो उसने गुस्से में गांव वालों को श्राप दिया कि अगर कोई भी व्यक्ति इस गांव में अपने घर को दूसरी मंजिल तक बनाएगा तो उसके परिवार का सर्वनाश हो जाएगा। उसकी बहादुरी और गांव पर किए गए उसके एहसान को याद रखने के लिए भेमिया का मंदिर बनाया गया और उसकी पूजा होनी शुरू हो गई। तब से लेकर आज तक किसी ने भी अपने घर को दो मंजिला नहीं बनवाया है। हालांकि, इस बात का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं प्राप्त हुआ है। लेकिन, गांव में एक भी घर दो मंजिला न होना इस बात की ओर संकेत करता है कि लोगों में इस घटना को लेकर डर और आस्था की मिली-जुली भावनाएं हैं।