
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहलवानों के साथ बातचीत के दौर को शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री द्वारा पहलवानों के साथ बातचीत के लिए न्यौता देने के बाद, पहलवानों ने मीटिंग बुलाई है ताकि सहमति के बाद सरकार से मुलाकात का समय तय किया जा सके। सभी पहलवान इस समय सोनीपत में हैं और उन्हें दिल्ली आने के लिए आज (7 जून) को दिल्ली पहुंच सकते है। एक लंबे समय से बीजेपी सांसद और WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध यौन शोषण के आरोपों में पहलवान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे। जिसको लेकर आखिरकार केंद्र सरकार ने बातचीत का रास्ता खोल दिया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि 6 जून को इस पूरे मामले में तब नया मोड़ आया था जब केंद्रीय खेल मंत्री ने मंगलवार (6 जून) को खिलाड़ियों से बातचीत के लिए बुलाया था। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी उल्लेख किया कि सरकार पहलवानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है, 3 जून को जारी डेडलॉक को खोलने के लिए सरकार ने पहला प्रयास तब किया था जब अमित शाह और पहलवानों के बीच एक मीटिंग हुई थी।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा है। देश के प्रमुख पहलवानों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला है और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े हुए है। बता दें कि बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है और दो एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। ये प्राथमिकी दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दर्ज की गई हैं, एक FIR में नाबालिग महिला पहलवान के साथ यौन शोषण के आरोपों में बृजभूषण शरण पर POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
“We will discuss the proposal given by the government with our seniors and supporters. Only when everyone gives their consent that the proposal is fine, then will we agree. It won’t happen that we will agree to anything that the government says and end our protest. No time fixed… pic.twitter.com/3MoVLYSR2Q
— ANI (@ANI) June 7, 2023
गौर करने वाली बात ये है कि प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने यह निर्णय लिया है कि वे बुधवार (7 जून) को दिल्ली आएंगे और सरकार से मिलेंगे। इससे पहले वे सोनीपत में मीटिंग करेंगे और आपसी सहमति के बाद अपने मुलाकात का समय तय करेंगे। इस मीटिंग के माध्यम से खिलाड़ियों की मांगों और समस्याओं को सरकार के सामने रखा जाएगा। यह सामारिक वार्ता संवाद का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे खिलाड़ी और सरकार के बीच समझौता हो सकता है। यह दोनों पक्षों को मिलकर संघर्षों का समाधान ढूंढने की संभावना प्रदान कर सकता है और साथ ही देश के खिलाड़ियों के हित में एक नए चैप्टर की शुरुआत कर सकता है।