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UP: उत्तर प्रदेश की सड़कों पर नहीं होगा एक भी गड्ढा, सभी नगर आयुक्त जारी करेंगे प्रमाण पत्र

Uttar Pradesh: जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में गड्ढों को भरने की कार्रवाई निर्धारित तिथि यानी 30 नवंबर तक हर हाल में पूरी कर ली जाए। इसके उपरांत, एक टीम गठित कर गड्ढा मुक्त रोड का स्थलीय निरीक्षण किया जाए। यही नहीं स्थलीय निरीक्षण के बाद गड्ढा मुक्त रोड का विवरण विभाग के गूगल लिंक पर भी शेयर किया जाए, जबकि गड्ढा मुक्त रोड से जुड़े आशय का एक प्रमाण पत्र भी विभाग को ईमेल के जरिए भेज जाए।

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CM Yogi Adityanath

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जारी गड्ढा मुक्ति अभियान में पारदर्शिता के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर समस्त नगर आयुक्तों को इसकी निगरानी के आदेश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय की निदेशक नेहा शर्मा की ओर से जारी पत्र में सभी नगर आयुक्तों से कहा गया है कि वे प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार अपने नगर निकायों में 30 नवंबर तक गड्ढा मुक्ति अभियान को युद्धस्तर पर चलाएं। एक भी रोड पर गड्ढा न हो। अभियान खत्म होने के बाद कमेटी बनाकर कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाए और साक्ष्य के रूप में विभाग के यूट्यूब लिंक पर इसको अपलोड किया जाए। साथ ही, नगर में एक भी गड्ढा न हो, इस आशय का एक प्रमाण पत्र भी ईमेल के माध्यम से विभाग को भेजा जाए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने के बाद प्रदेश को गड्ढा मुक्त करने का संकल्प लिया था। इसके लिए वो समय-समय पर निर्देश भी जारी करते रहे हैं। उनका निर्देश है कि प्रदेश की एक रोड में भी गड्ढा नहीं होना चाहिए। युद्ध स्तर पर गड्ढों पर पैच वर्क का काम किया जाए और जो भी अधिकारी इस निर्देश को गंभीरता से न ले, उस पर कठोर कार्रवाई की जाए। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही पूरे प्रदेश में गड्ढा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। पहले इसकी समय सीमा 15 नवंबर तय की गई थी जिसे बढ़ाकर अब 30 नवंबर कर दिया गया है।

CM Yogi Adityanath

काम का देना होगा प्रमाण

जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में गड्ढों को भरने की कार्रवाई निर्धारित तिथि यानी 30 नवंबर तक हर हाल में पूरी कर ली जाए। इसके उपरांत, एक टीम गठित कर गड्ढा मुक्त रोड का स्थलीय निरीक्षण किया जाए। यही नहीं स्थलीय निरीक्षण के बाद गड्ढा मुक्त रोड का विवरण विभाग के गूगल लिंक पर भी शेयर किया जाए, जबकि गड्ढा मुक्त रोड से जुड़े आशय का एक प्रमाण पत्र भी विभाग को ईमेल के जरिए भेज जाए। ईमेल का प्रारूप क्या होगा, ये भी आदेश के साथ संलग्न किया गया है। प्रमाण पत्र में नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी को बताना होगा कि उनके नगर निकाय में कुल कितनी रोड हैं और उनकी लंबाई क्या है। कितनी रोड्स का पैच वर्क कराया गया है। साथ ही घोषित करना होगा कि निर्धारित तिथि के बाद उनके नगर निकाय में कोई भी रोड गड्ढा मुक्ति हेतु शेष नहीं है।

मुख्य सचिव ने भी दिए थे निर्देश

प्रदेश में नगर विकास विभाग द्वारा पहले 15 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद यह सीमा 30 नवंबर कर दी गई। 17 नवंबर को मुख्य सचिव ने भी बैठक में नगर विकास को निर्धारित समयसीमा में युद्धस्तर पर कार्य करते हुए अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए थे। बैठक में मुख्य सचिव के स्पष्ट निर्देश थे कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाना एवं रोड डायरेक्टरी बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इस संबंध में शासन स्तर से समय समय पर विस्तृत दिशानिर्देश मिलते रहे हैं। इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। संयुक्त सचिव कल्याण बनर्जी ने भी इसी आशय का पत्र जारी करते हुए स्थलीय निरीक्षण के भी निर्देश दिए थे।

कार्यों में पारदर्शिता के हितैषी हैं सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काम मे पारदर्शिता के हितैषी हैं जो उनके क्रियाकलापों में झलकता है। वो न सिर्फ निर्देश देते हैं, बल्कि समय-समय पर निर्देर्शों का कितना अनुपालन हुआ इसको लेकर भी समीक्षा करते हैं। प्रदेश को गड्ढा मुक्त बनाने को लेकर मुख्यमंत्री शुरुआत से ही गंभीर हैं। इसी के दृष्टिगत प्रदेश को गड्ढा मुक्त बनाए बनाए जाने के लिए शासन ने बहुत ठोस कदम उठाते हुए अभियान चलाए गए हैं ताकि आम जनता को गड्ढा मुक्त सड़क प्राप्त हो जिससे उन्हें किसी प्रकार की आवागमन में परेशानियों का सामना ना करना पड़े। गौरतलब है कि बाढ़ और बारिश के चलते हर वर्ष बड़ी तादात में सड़कों पर गड्ढे हो जाते हैं। यहां तक कि नई सड़कें भी खराब हो जाती हैं। मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि न सिर्फ प्रदेश को गड्ढा मुक्त किया जाए, बल्कि कार्य में गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जाए। सभी अधिकारी इन निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। कोई भी कोताही बरते तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाए।

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