नई दिल्ली। देश के तीन बड़े हिंदी सूबों में मिली जीत से उत्साहित मोदी सरकार के उत्साह को सुप्रीम कोर्ट ने धारा 370 के संदर्भ में दिए अपने फैसले से और बढ़ा दिया। 13 दिनों तक लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, कोर्ट ने आज इस अहम मुद्दे पर अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार द्वारा 370 के निरस्त किए जाने के फैसले को बरकरार रखा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का फैसला बिल्कुल उचित है। लिहाजा इस पर किसी भी प्रकार का सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। वहीं, कोर्ट के इस फैसले को सियासी गलियारों में मोदी सरकार की जीत के रूप में रेखांकित किया जा रहा है। जिस पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि पीएम मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया में क्या कुछ कहा है ।
क्या बोले प्रधानमंत्री
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले पर कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है; यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है। न्यायालय ने, अपने गहन ज्ञान से, एकता के मूल सार को मजबूत किया है जिसे हम, भारतीय होने के नाते, बाकी सब से ऊपर प्रिय मानते हैं और संजोते हैं। मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लचीले लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रगति का लाभ न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका लाभ हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे। आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है; यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।
Today’s Supreme Court verdict on the abrogation of Article 370 is historic and constitutionally upholds the decision taken by the Parliament of India on 5th August 2019; it is a resounding declaration of hope, progress and unity for our sisters and brothers in Jammu, Kashmir and…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2023
जानें इस फैसले के सियासी मायने
वहीं, कोर्ट के इस फैसले के सियासी मायनों की बात करें, तो यह कहने में कोई गुरेज नही है कि केंद्र की मोदी सरकार इसे अपने लिए जीत के रूप में रेखांकित करेगी। वो भी ऐसे वक्त में जब आगामी पांच माह में लोकसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि मोदी सरकार कोर्ट के इस फैसले को जीत के रूप में रेखांकित कर प्रचार करे, लेकिन इस बीच कई लोगों के जेहन में यह भी सवाल उठ रहा है कि अगर मान लीजिए सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने के फैसले को पलट देती, तो क्या होता? आइए, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
…ये होते सरकार के पास विकल्प
अगर आज सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 के फैसले को पलट दिया होता? अगर कोर्ट ने यह कह दिया होता कि 2019 में 370 को निरस्त किए जाने का फैसला गलत था। अब आपको इसे दोबारा लागू करना होता, तो उस स्थिति में केंद्र की मोदी सरकार को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता था। ऐसी स्थिति में सरकार के सामने नैतिक संकट खड़ा हो चुका होता। वहीं, विपक्ष दल भी मोदी सरकार पर हमलावर हो जाती कि अब आपको इस्तीफा देना होगा, क्योंकि आपके इतने बड़े फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया , तो अब ऐसी स्थिति में जब मोदी सरकार ने धारा 370 के फैसले पर केंद्र का पक्ष लिया है, तो यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि सत्ताधारी दल इसे अपने लिए जीत के रूप में रेखांकित करने की कोशिश करेगी।