नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से विवादित टिप्पणी की है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं। इस बार उन्होंने दीवाली के मौके पर मां लक्ष्मी पर विवादित टिप्पणी की है। दरअसल, उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।
दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला… pic.twitter.com/CP5AjKODfq
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) November 12, 2023
बता दें कि इस पोस्ट के साथ ही सपा नेता ने अपनी पत्नी के साथ कुछ तस्वीरें भी साझा कीं हैं। तस्वीरों में वो अपनी पत्नी को सिंदूर लगाते हुए और उन्हें कुछ उपहार भेंट करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं, उनके इस पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।सनद रहे कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब सपा नेता ने इस तरह हिंदू धर्म पर विवादित टिप्पणी की हो, बल्कि इससे पहले इन्होंने राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करन के क्रम में रामायण की चौपाइयों को छलावा बताया था। इन्होंने रामायण में लिखे श्लोकों को समाज के लिए विभाजनकारी और नफरत फैलाने वाला बताया था, जिसके बाद इनके खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। इतना ही नहीं, इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। वहीं, कोर्ट ने भी स्वामी प्रसाद की विवादित टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर कर उन्हें किसी भी प्रकार का राहत देने से साफ इनकार कर दिया, जिसके बाद कानूनी मोर्चे पर इनकी मुश्किलें बढ़ गईं।
ध्यान दें, इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में अयोध्या में होने जा रहे भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को धोखा बताया था, जिस पर भी लोगों ने नाराजगी जताई थी। ज्ञात हो कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। वहीं, अनुष्ठान कार्यक्रम 16 जनवरी 2024 से शुरू होगा। इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अलग-अलग तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, जिसे अब सपा नेता ने पाखंड बता दिया है।
#BreakingNews | SP’s Swami Prasad Maurya strokes row by making a controversial statement on Hindu Deity@DhantaNews shares details with @AnushaSoni23 pic.twitter.com/hR4cY7ERtv
— News18 (@CNNnews18) November 13, 2023
क्या है सपा प्रमुख का रूख
उधर, अगर स्वामी प्रसाद द्वारा हिंदू धर्म पर लगातार की जा रही टिप्पणी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रूख की बात करें, तो प्रथमदृष्टया मालूम पड़ता है कि उन्हें स्वामी की विवादित टिप्पणियों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इसके उलट वो तो इन विवादित टिप्पणियों को अपने लिए आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से सियासी मोर्चे पर बड़े मुनाफे के रूप में देख रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि आज तक सपा प्रमुख ने किसी भी सार्वजनिक मंच पर ना ही स्वामी द्वारा की जा रही टिप्पणी की आलोचना की और ना ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई। इसके विपरीत इन्हें महासचिव के पद से अलग से विभूषित कर दिया, जो कि इस बात का प्रमाण है कि उन्हें स्वामी के उलजुलूल बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
क्या है बीजेपी का रुख
उधर, बीजेपी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को मुद्दा बनाकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की घेराबंदी कर रही है। बीजेपी लगातार अपने तरकश से हिंदू और हिंदुत्व का तीर निकालकर सपा प्रमुख को निशाने पर ले रही है, लेकिन कोई गुरेज नहीं यह कहने में कि अखिलेश यादव पूरी तरह से खुद को डिफेंसिव रखने में सफल हो रहे हैं। बहरहाल, अब स्वामी के विवादित बयानों का असर आगामी लोकसभा चुनाव में कितना पड़ता है और कितना नहीं? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले जरा ये जान लेते हैं कि आखिर स्वामी प्रसाद मौर्य हैं कौन ?
कौन हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म जन्म 2 जनवरी 1954 उत्तर प्रदेश के एक परिवार में बदलू मौर्य और जगननाथी मौर्य के घर हुआ था। मौर्य पांच बार विधान सभा के सदस्य रहे। इसके अलावा वो उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री , सदन के नेता और विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। वहीं, वह योगी आदित्यनाथ मंत्रालय में श्रम, रोजगार और समन्वय के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत रह चुके हैं । 2021 तक वह बीजेपी में थे, लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने सपा का दामन थाम थाम लिया , जिसे पर बीजेपी ने नाराजगी भी जाहिर की थी। हालांकि, इससे पहले वो बसपा में भी रह चुके थे। उधर, 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा ने उन्हें कुशीनगर की फाजिलनगर से टिकट दिया था। हालांकि, पहले उन्हें पार्टी ने पडरौना , जो कि उनकी परंपरागत सीट रही है, वहां से चुनाव लड़ाने वाली थी, लेकिन पार्टी यकायक उनकी सीट बदलने का फैसला किया था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।