नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार 21 जून को अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कश्मीर के श्रीनगर में योग करेंगे। यह कार्यक्रम श्रीनगर स्थित की शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री 20 और 21 जून को जम्मू कश्मीर के दौरे पर जा रहे हैं। अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस के विषय में जानकारी देते हुए आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि इस साल योग दिवस पर मुख्य योग कार्यक्रम श्रीनगर में होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें हिस्सा लेंगे। इस वर्ष के कार्यक्रम की थीम है योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी (स्वयं और समाज के लिए योग)।
#WATCH | Vaidya Rajesh Kotecha, Secretary Ayush says, “…This year’s programme will be held in Srinagar…The theme for this year is Yoga for Self & Society…” pic.twitter.com/n81eFVTbTv
— ANI (@ANI) June 18, 2024
इस थीम के जरिए यह समाज को ये संदेश देना है कि हम योग को अपने जीवन के हर पहलू में लागू करेंगे। हमें योग करना चाहिए और अन्य लोगों को योग के लिए प्रेरित करना चाहिए। राजेश कोटेचा ने बताया कि 11 दिसंबर 2014 को प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। संयुक्त राष्ट्र ने इसे सर्वसम्मत सहमति से स्वीकार कर लिया और तब से पिछले 10 वर्षों से भारत इसका नेतृत्व कर रहा है। योग दिवस का आयोजन दुनिया भर में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और यह न केवल एक उत्सव है बल्कि व्यवहार में बदलाव लाने का एक ठोस प्रयास भी है ताकि लोग योग को अपने जीवन में अपनाएं। कोटेचा ने कहा कि हमने 45 मिनट का प्रोग्राम बनाया। इसे हम कॉमन योगा प्रोटोकॉल कहते हैं और ये एक ऐसा प्रोटोकॉल है कि अगर लोग इसे अपने जीवन में हर दिन करेंगे तो इसके बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होंगे।
#WATCH | Vaidya Rajesh Kotecha, Secretary Ayush says, “On 11 December 2014, the Prime Minister proposed in the UN that 21 June for Yoga Day. The UN accepted it with unanimous consent and since then, India has been leading it for the last 10 years. Yoga Day is being organized on a… pic.twitter.com/WUzrqE2Ti5
— ANI (@ANI) June 18, 2024
वैसे प्रधानमंत्री के इस दौरे के दूसरे मायने भी निकाले जा रहे हैं। एक तो ये कि कश्मीर में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री का वहां जाकर योग कार्यक्रम में शामिल होना कहीं न कहीं आतंक के आकाओं को ये संदेश होगा कि वो अब इस तरह की कोई हिमाकत न करें। दूसरा ये कि जम्मू-कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी मायने रखता है।