नई दिल्ली। पुरूषों मे दाढ़ी मूंछ होना प्राकृतिक है। अगर उन्हें दाढ़ी मूंछ नहीं आती है तो लोग उनका मजाक उड़ाने लगते हैं। ऐसे लड़कों की मर्दानगी पर भी सवाल उठने लगते हैं। हालांकि, ये सारा खेल हार्मोन्स का होता है। लड़कों के शरीर में हार्मोन्स के बिगड़ने से दाढ़ी-मूंछ नहीं आती है। लेकिन वहीं, महिलाओं में हार्मोंस बिगड़ने से उनके चेहरे पर और ज्यादा बाल आ जाते हैं। दाढ़ी-मूछ वाली महिलाओं का समाज में काफी मजाक भी बनाया जाता है। इससे बचने के लिए ये महिलाएं चेहरे पर आए इन बालों को क्रीम, मोम स्ट्रिप्स, रेजर और एपिलेटर आदि से रिमूव करवाती हैं। लेकिन अगर आपको ऐसी महिलाओं में से एक ऐसी महिला के बारे में पता चले, जिसे मूंछ रखना अच्छा लगता हो, तो शायद आपको ये बात मजाक लगेगी और हैरानी भी होगी। लेकिन ये कोई मजाक या झूठ नहीं है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मूंछें हैं और उन्हें मूंछ रखना पसंद भी हैं। कई बार लोगों के द्वारा मजाक उड़ाने के बावजूद उन्होंने मूंछ नहीं कटवाईं। तो आइये जानते हैं कौन हैं ये महिला और उनकी कहानी…
‘शायजा’ नाम की ये महिला केरल राज्य के ‘कन्नूर’ की निवासी हैं। उनकी उम्र 35 साल है। एक इंटरव्यू के दौरान शायजा ने कहा, कि “मुझे मूंछ रखना पसंद है इसलिए मैं इन्हें नहीं कटवाऊंगी।’ शायजा के चेहरे पर काफी बाल थे और उन्हें हटवाने के लिए वो नियमित रूप से थ्रेडिंग कराती थीं। लेकिन ऊपरी होंठ के बाल हटाने की उन्हें कभी भी जरूरत महसूस नहीं हुई। लगभग पांच साल पहले से उनकी मूंछ के बाल मोटे और घने होने शुरू हो गए थे। लेकिन शायजा को अब इनकी आदत लग चुकी है और वो बिना मूछों के रहने की कल्पना भी नहीं करतीं। उन्होंने आगे बताया, कि “कोरोना महामारी के मुझे मास्क पहनना पड़ता था। हालांकि, ये मुझे कभी भी पसंद नहीं था। मास्क पहनने से मेरी मूंछें ढक जाती थीं। कई लोगों ने मुझे मूंछे कटवा लेने की सलाह दी। लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं सुंदर नहीं हूं। इसलिए मैंने मूंछ नहीं कटवाई।” शायजा को उनके इस फैसले के लिए परिवार का पूरा समर्थन भी मिलता है। उनके इस मूंछों वाले लुक की उनकी बेटी अक्सर तारीफ भी करती है।
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि अब तक मेरी कुल 6 सर्जरी हो चुकी हैं। कुछ सालों पहले ब्रेस्ट में पड़ी एक गांठ हटाने की सर्जरी हुई थी। उसके बाद अंडाशय से अल्सर हटाने के लिए सर्जरी हुई थी। उनका कहना है कि इतनी सारी सर्जरी के बाद मुझमें काफी कान्फिडेंस आया है। शायजा के अनुसार, बचपन में वो काफी शर्मीली थीं और उनके गांव की महिलाएं शाम 6 बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलती थीं। लेकिन शादी के बाद उन्हें उनके ससुराल तमिलनाडु में काफी छूट मिली। उन्होंने बताया कि पति काम पर जाने के बाद अपनी किसी चीज की जरूरत होने पर वो रात में भी अकेले ही दुकान पर चली जाती थीं। इस सब से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा है।