
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच आज यानी 30 जून को राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने 104 दिन में छठी बार देश को संबोधित किया। पीएम का यह संबोधन कई कारणों से अहम माना जा रहा है। एक तो देश इस समय कोरोना वायरस से लड़ रहा है। लेकिन इससे भी अहम भारत-चीन के रिश्ते में आया तनाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले 12 मई को राष्ट्र को संबोधित किया था।
जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें समझाना होगा
उन्होंने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें रोकना, टोकना और समझाना होगा। इससे पहले हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से कई लोगों का जीवन बचा है।
सभी को सतर्कता दिखाने की जरूरत
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, जब से देश में Unlock-One हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढ़ती ही चली जा रही है। पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे। लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है, विशेषकर कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा।जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा।
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— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) June 30, 2020
कोरोना वायरस का कहर बढ़ने के बाद पांचवी बार संबोधन
बता दें कि इससे पहले नरेंद्र मोदी देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ने के बाद से पांच बार संबोधित कर चुके हैं, जिसमें से एक बार उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर लोगों से दीप जलाने की अपील की थी। मोदी ने सबसे पहले 19 मार्च को राष्ट्र को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद पीएम ने 24 मार्च, 3 अप्रैल, 14 अप्रैल, 12 मई को संबोधित किया।