newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Pahalgam Carnage Supporters Killed: पहलगाम नरसंहार मामले में बड़ी सफलता, पर्यटकों की जान लेने वालों के लिए रेकी और हथियार वगैरा मुहैया कराने वाले 3 दहशतगर्द त्राल में ढेर

Pahalgam Carnage Supporters Killed: इनमें से आसिफ अहमद शेख पहले मजदूरी कर परिवार को पालता था। बाद में वो जैश में शामिल हो गया। जबकि, आमिर नजीर वानी की तलाश अप्रैल 2024 से की जा रही थी। जानकारी के मुताबिक यावर अहमद भट आतंकी संगठन जैश का ओवर ग्राउंड वर्कर था। उसकी तलाश भी अगस्त 2024 से की जा रही थी। इन तीनों की ही सेना और सुरक्षाबल लगातार तलाश कर रहे थे। त्राल में छिपे होने पर इनको मुठभेड़ में मार गिराया गया।

त्राल। पहलगाम में 26 पर्यटकों का नरसंहार करने वाले आतंकी अभी पकड़ में नहीं आ सके हैं, लेकिन सेना और सुरक्षाबलों ने इस हमले के लिए रेकी करने और दहशतगर्दों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले तीन आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा स्थित त्राल में मार गिराने में सफलता हासिल की है। खुफिया सूचना के आधार पर त्राल में छिपे जैश-ए-मोहम्मद के इन तीन आतंकियों को जवानों ने घेर लिया था। घेरे जाने पर आतंकियों ने फायरिंग की और फिर सेना और सुरक्षाबलों के जवानों ने तीनों को मौत के घाट उतारने में देर नहीं की।

त्राल में मारे गए इन आतंकियों के नाम आसिफ अहमद शेख, अमीर नजीर वानी और यावर अहमद भट हैं। जैश-ए-मोहम्मद के ये तीनों आतंकी त्राल के ही रहने वाले थे। इनमें से आसिफ अहमद शेख पहले मजदूरी कर परिवार को पालता था। बाद में वो जैश में शामिल हो गया। जबकि, आमिर नजीर वानी की तलाश अप्रैल 2024 से की जा रही थी। जानकारी के मुताबिक यावर अहमद भट आतंकी संगठन जैश का ओवर ग्राउंड वर्कर था। उसकी तलाश भी अगस्त 2024 से की जा रही थी। बताया जा रहा है कि इन तीनों ने पहलगाम में हमला करने वाले आतंकियों के लिए रेकी की और उनको हथियार और अन्य मदद भी मुहैया कराया। इनके छिपे होने की पुख्ता जानकारी सेना को मिली थी। जिसके बाद ऑपरेशन शुरू किया गया।

पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 की दोपहर बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों की हत्या की थी। आतंकियों ने उनकी जान लेने से पहले नाम पूछकर, कलमा पढ़ने को कहकर और प्राइवेट पार्ट देखने के बाद ये तस्दीक की थी कि वे सभी गैर मुस्लिम हैं। इनको बचाने की कोशिश कर रहे एक मुस्लिम घोड़े वाले की जान भी आतंकियों ने ली थी। अब इनके मददगारों को ढेर करने से ये उम्मीद जगी है कि पहलगाम नरसंहार के दोषी आतंकी भी जल्दी ही मारे जा सकते हैं। पहलगाम हमले की जांच एनआईए कर रही है। ऐसे में आतंकियों का बच निकलना आसान नहीं है।