
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बीते दिनों जब हिंसा हुई थी, तब बहरमपुर के टीएमसी सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की चाय पीते हुई सोशल मीडिया पोस्ट आई थी। उस पोस्ट के कारण यूसुफ पठान आम यूजर्स से लेकर बीजेपी तक के निशाने पर आए थे। अब यूसुफ पठान से टीएमसी के नेता ही नाराज दिख रहे हैं। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से मुर्शिदाबाद के सांसद अबु ताहिर ने कहा कि यूसुफ पठान ने हिंसा के मसले पर दूरी बनाए रखी और उनकी गैर मौजूदगी गलत संदेश दे रही है। टीएमसी सांसद ने कहा कि यूसुफ पठान बाहरी व्यक्ति हैं और सियासत में नए हैं। टीएमसी सांसद ने कहा कि पार्टी के सांसद, विधायक और बूथ स्तर के कार्यकर्ता भी हिंसा प्रभावित लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। कोई ये नहीं कह सकता कि ये मेरा क्षेत्र नहीं है और मैं नहीं जाऊंगा।
दरअसल, जिस बहरमपुर से यूसुफ पठान टीएमसी के सांसद हैं, वहां कोई हिंसा नहीं हुई है। ऐसे में यूसुफ पठान ने हिंसा के मामले में अब तक एक शब्द भी नहीं कहा है। इसी मसले पर पश्चिम बंगाल के भरतपुर से टीएमसी के विधायक हुमायूं कबीर ने अखबार से कहा कि अगर यूसुफ पठान ने राजनीति में भागीदारी न बढ़ाई, तो वो टीएमसी नेतृत्व से कहेंगे कि अगली बार उनको टिकट न दिया जाए। हुमायूं कबीर ने कहा कि यूसुफ पठान अगर व्यवहार नहीं बदलते और आम लोगों तक पहुंचने की कोशिश नहीं करते हैं, तो वो उनके खिलाफ टीएमसी नेतृत्व से संपर्क करेंगे। जिस तरह टीएमसी में यूसुफ पठान के खिलाफ आवाज बुलंद हो रही है, उसे देखते हुए ये लग रहा है कि पार्टी की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जरूर इस मसले पर उनसे बात करेंगी।
यूसुफ पठान की चाय पीते हुई फोटो 12 अप्रैल को इंस्टाग्राम पर आई थी। यूसुफ पठान ने इस फोटो को पोस्ट कर लिखा था- आरामदायक दोपहर। चाय की चुस्की, शांति। मैं अभी डूब रहा हूं। बता दें कि जब टीएमसी ने बहरमपुर से यूसुफ पठान को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था, तभी बीजेपी ने बाहरी व्यक्ति होने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की थी। इसका असर नहीं पड़ा था और यूसुफ पठान ने लंबे समय से बहरमपुर से सांसद रहे कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी को हराकर वहां टीएमसी को जीत दिलाई थी।