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Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई-कुकी हिंसा बंद कराने के लिए राज्य सरकार ने दिया ये अहम प्रस्ताव, लेकिन अलग प्रशासन की मांग मानने से इनकार

कुकी समुदाय लगातार अलग प्रशासनिक व्यवस्था मांग रहा है। इस समुदाय का आरोप है कि उनको टारगेट कर एक तरह से कुकी को समूल नष्ट करने की साजिश रची गई है। कुकी समुदाय की मांग के बारे में अखबार को सीएम के करीबी सूत्र ने बताया कि ये सरकार को मान्य नहीं है।

नई दिल्ली। मणिपुर में मैतेई बनाम कुकी समुदायों की हिंसा अब भी छिटपुट तौर पर जारी है। इस साल 3 मई से मैतेई और कुकी के बीच हिंसा शुरू हुई थी। कुकी समुदाय अब मणिपुर के पहाड़ी इलाकों के लिए अलग चीफ सेक्रेटरी समेत अलग से पूरा प्रशासन मांग रहा है। 10 कुकी विधायकों ने केंद्र को चिट्ठी भेजकर ये मांग दोहराई है। कुकी समुदाय की इस मांग पर मणिपुर की सरकार राजी नहीं है। ये बात मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह के एक करीबी ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से कही। बीरेन सिंह शनिवार को दिल्ली आकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे।

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द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच संघर्ष को थामने के लिए बीरेन सिंह की सरकार ने केंद्र को कहा है कि वो अब मौजूदा हिल काउंसिल को ज्यादा स्वायत्तता देने के लिए तैयार है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मणिपुर की स्थानीय एकता को किसी तरह अलगाववाद का शिकार नहीं बनने दिया जाएगा। कुकी समुदाय लगातार अलग प्रशासनिक व्यवस्था मांग रहा है। इस समुदाय का आरोप है कि उनको टारगेट कर एक तरह से कुकी को समूल नष्ट करने की साजिश रची गई है। कुकी समुदाय की मांग के बारे में अखबार को सीएम के करीबी सूत्र ने बताया कि ये सरकार को मान्य नहीं है। इस सूत्र ने बताया कि मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले आदिवासियों की समस्या को दूर करने का इरादा सरकार रखती है।

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सूत्र ने अखबार से कहा कि केंद्र को ये प्रस्ताव दिया गया है कि मणिपुर के पहाड़ी इलाकों के लिए बने हिल काउंसिल को ज्यादा स्वायत्तता और काम करने की आजादी दी जा सकती है। सूत्र ने अखबार से ये भी कहा कि मणिपुर सरकार को उम्मीद है कि कुकी समुदाय इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेगा और राज्य में हिंसा का दौर थमेगा। खबर ये भी है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब तक एक दर्जन से ज्यादा बार मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों से बातचीत की है। मणिपुर में हिंसा की शुरुआत से लेकर अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जबकि, हजारों को घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है।