नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम, जिसे विवादित मस्जिद परिसर का व्यापक सर्वेक्षण करने का काम सौंपा गया है, अपने प्रयासों में लगातार प्रगति कर रही है। आज सर्वेक्षण के चौथे दिन, टीम ने ज्ञान प्राप्त करने वाली मस्जिद परिसर के सभी चार कोनों को स्कैन करने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक का उपयोग किया।
जीपीआर तकनीक, बिना किसी नुकसान के अमूल्य पुरातात्विक महत्व की खोज में सहायता करती है। यह अभिनव दृष्टिकोण ज्ञान-प्राप्ति मस्जिद परिसर के परिसर के भीतर ऐतिहासिक खजाने का पता लगाने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त, सर्वेक्षण से मस्जिद परिसर की उम्र और इतिहास के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।कल, टीम ने क्षेत्र का 3डी मानचित्र और पैमाना बनाने के लिए उपग्रह से जुड़े ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) तकनीक का इस्तेमाल किया, जिससे उनके विश्लेषण की गहराई और सटीकता में और बढ़ोत्तरी हुई।
एएसआई टीम, जिसमें विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं, ज्ञान-प्राप्ति मस्जिद परिसर के हर पहलू की परिश्रमपूर्वक जांच कर रही है। इस रविवार, टीम ने वास्तुशिल्प लेआउट और संरचनात्मक विवरणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए सभी तीन गुंबदों का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण, जो सुबह 8 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे समाप्त हुआ, इसमें मस्जिद की विशेषताओं का सूक्ष्म अध्ययन शामिल था।