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UP: रामलला के जन्मस्थान के भूमिपूजन का एक साल आज, CM योगी इस खास भूमिका में दिखेंगे

UP: रामनगरी के लिए आज खास दिन है। आज से एक साल पहले 5 अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला के भव्य मंदिर के लिए भूमिपूजन और शिलान्यास किया था। उस ऐतिहासिक दिन को आज एक साल हो गया। इसी उपलक्ष्य में अयोध्या में चारों तरफ उल्लास और खुशी दिख रही है।

अयोध्या। रामनगरी के लिए आज खास दिन है। आज से एक साल पहले 5 अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला के भव्य मंदिर के लिए भूमिपूजन और शिलान्यास किया था। उस ऐतिहासिक दिन को आज एक साल हो गया। इसी उपलक्ष्य में अयोध्या में चारों तरफ उल्लास और खुशी दिख रही है। इस मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या आ रहे हैं। यहां वह एक खास भूमिका में दिखेंगे।

योगी का अयोध्या का आज का दौरा करीब 3 घंटे का होगा। इसमें से वह करीब 15 से 20 मिनट रामलला के सानिध्य में बिताएंगे। योगी के राम मंदिर स्थल पहुंचने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एक विशेष पूजा कराएगा। जिसमें यजमान की खास भूमिका में यूपी के सीएम होंगे। पूजा के बाद योगी कुछ संत और महंतों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
योगी ने बतौर सीएम अपना जीवन रामलला के लिए जैसे समर्पित कर दिया है। 50 महीने के अपने कार्यकाल में वह 30वीं बार आज अयोध्या आ रहे हैं। अयोध्या के लिए योगी आदित्यनाथ ने जो किया, वह किसी और सीएम के दौर में नहीं हुआ। योगी ने अयोध्या में छोटी दिवाली के मौके पर दीपोत्सव कराना शुरू किया। मान्यता है कि लंका दहन के बाद छोटी दिवाली को ही भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या लौटे थे।

Ayodhya Bhumi Poojan

योगी के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी भी अयोध्या के हर तरीके से विकास के लिए अपने स्तर पर मॉनीटरिंग कर रहे हैं। बीते दिनों भी उन्होंने अयोध्या के मास्टर प्लान के संबंध में सुझाव दिए थे। मोदी के सुझाव के बाद अयोध्या को ऐतिहासिकता के साथ आधुनिक बनाने के लिए 2047 तक का प्लान तैयार किया गया है।

उधर, रामलला के भूमिपूजन के एक साल पूरा होने पर खुशखबरी भी मिली है कि साल 2023 के दिसंबर से भक्त राम मंदिर में भगवान का दर्शन और पूजन कर सकेंगे। पूरा मंदिर 2025 तक बनकर तैयार होगा, लेकिन पहली मंजिल पर भगवान के लिए गर्भगृह और नृत्य मंडप 2023 तक बन जाएगा। फिलहाल यहां नींव भरने का काम चल रहा है। जो इस साल सितंबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद मंदिर का बेस बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से बनाया जाएगा और उसके ऊपर मंदिर तैयार होना शुरू होगा।