Qutub Minar: कुतुब मीनार में पूजा के मामले में आज की सुनावाई पूरी, याचिकाकर्ता का दावा यह हिंदू मंदिर है

Live: कुतुबमिनार परिसर में हिंदू और जैन मंदिरों के पुनरुत्थान के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनाई अब शुरु हो गई है। 

Avatar Written by: May 24, 2022 12:59 pm
KUTUBMINAAR

नई दिल्ली। वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के बाद कुतुब मीनार के लिए विवाद बढ़ता जा रहा है। अभी ज्ञानवापी की सुनवाई के बीच अब कुतुब मीनार की लड़ाई शुरू हो गई है। दरअसल, कुतुबमीनार परिसर में हिंदू और जैन मंदिरों के पुनरुत्थान के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनाई अब शुरु हो गई है।

SAKET COURT

जानिए कोर्ट और याचिकाकर्ता के बीच की बातें

  • साकेत कोर्ट में याचिकाकर्ता हिंदू शंकर जैन ने कहा है कि इस बात के सबूत हैं कि खंडहर के ऊपर कुव्‍वत-उल-इस्‍लाम मस्जिद बनी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने इसे संरक्षित इमारत माना है।
  • कुतुब मीनार मामले में याचिकर्ता से अदालत ने पूछा कि 800 साल पहले कुछ हुआ तो उस पर कोई दावा कैसे कर सकता है? हिंदू पक्ष की तरफ से हरि शंकर जैन ने इस मामले में याचिका डाली है।
  • फिलाहाल, अभी कोर्ट में सुनवाई बंद है। इससे पहले याचिकाकर्ता ने 800 साल पहले के मामले का जवाब देते हुए कोर्ट से कहा कि अगर यह हिंदू मंदिर है तो इजाजत क्यों नहीं दी जा सकती है। कानून कहता है कि जो जमीन एक बार देवता की हो गई हो, वह हमेशा उसकी ही रहती है। इसके लिए उन्होंने अयोध्या मामले का हवाला दिया और अपनी दलील के लिए कहा कि एएसआई भी स्वीकार करता है।
  • कोर्ट में अभी सुनवाई बंद है।
  • इससे पहले कोर्ट में सवाल जवाब का दौर चला जिसमें कोर्ट और याचिकाकर्ता के बीच कुतुब मीनार के लिए बात चली। सुनवाई को दौरान हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन से कोर्ट ने सिविल कोर्ट के जज के फैसले को आलोचना की। इस पर जैन ने कहा कि कुछ समस्या हो सकती है, कोई खतरा नहीं है, .ये मानकर कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया। ‘ मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूंगा कि माननीय जज ने सीमाएं लांघ दी हैं।’
  • कोर्ट में सवाल जवाब के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा गया कि ‘यह मान लें कि मंदिर ढहाया गया है। इसके साथ ही यह भी मान लें कि पिछले 800 सालों में मुस्लिम इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। सवाल ये है कि इसे कैसे रीस्टोर किया जा सकता है। लेकिन किस आधार पर?’

कुतुब मीनार मामले के लिए में देश में एक नए चर्चा शुरू कर दी है। ज्ञानवापी के बाद अब कुतुबमिनार मामले में हिंदू और मस्लिम पक्ष में तीखी बहस होने की आशंका लगाई जा रही है। इस मामले में तीन एसआई और हिंदू पक्ष कुतुबमिनार के लिए कई नई बातों को सामने ला रहे हैं।

एक बार फिर से कुतुब मीनार में पूजा करने को लेकर एक बार फिर से सुनवाई शुरू हो चुकी है।

HARI SHANKAR JAIN

हिंदू पक्ष की तरफ से सबसे बड़ा दावा किया जा रहा है कि यहां पर हिंदू देवी-देवताओं के साक्ष्य हैं। इसलिए यहां पर पूजा का अधिकार मिलना चाहिए।  अगर बात करें ASI की तो वह कह रहा है कि इस मामले में हम उपयुक्त साक्ष्य प्रदान करेंगे। हिंदू पक्ष की तरफ से लगातार यहां पर पूजा करने की मांग की जा रही है। इस पर कोर्ट नें कहा कि अगर 1914 से पहले यहां पर पूजा हो रही थी तो इस बात पर गौर किया जा सकता है। अब यह मामला सीधे-सीधे हिंदू और मुस्लिम पक्ष का हो गया है। इस मामले के लिए कोर्ट में कई दलीलें रखी गई। इस पर सबसे ज्यादा राम मंदिर के तर्ज पर पूजा कराने की दलील दी।

बता दें कि कुतुब मीनार मामले में इमाम ने कहा पिछले कई सालों से हम यहां पर नमाज पढ़ रहे हैं। दूसरी तरफ हिंदू पक्ष के वकील  कह रहे हैं कि यहां पर नमाज पर रोक लगानी चाहिए। इस मामले पर इमाम कह रहे हैं कि 13 मई से ही यहां पर नमाज नहीं पढ़ी जा रही है।

बता दें कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में दोनों हिंदू और मुस्लिम पक्ष से एक हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा और आने वाले 9 जून को इस पर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। फिलहाल कुतुबमिनार मामले में आज की सुनवाई पूरी हो चुकी है।

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