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Delhi: अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह के 2 फरार सदस्य दिल्ली में गिरफ्तार, मुख्य सरगना दुबई में बैठकर दे रहा पूरे काम को अंजाम

विदेश भेजने का झांसा देकर मानव तस्करी करने वाले रैकेट के 2 फरार लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके नाम प्रतीक शाह और भावसिंह भाई हैं। इनके कई साथी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।

नई दिल्ली। विदेश भेजने का झांसा देकर मानव तस्करी करने वाले रैकेट के 2 फरार लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके नाम प्रतीक शाह और भावसिंह भाई हैं। इनके कई साथी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं। इन सभी पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के मुताबिक सुच्चा सिंह, सुरजीत सिंह और अमनदीप सिंह इस साल 16 मार्च को पेरिस जा रहे थे। उनके पासपोर्ट पर लगे फ्रांस के वीजा पर शक होने के बाद विमान से उतारकर पुलिस के हवाले किया गया था। तीनों के वीजा नकली पाए जाने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।

human trafficking gang 2

बाद में 24 मार्च को भी सुशील कुमार नाम के यात्री का फ्रांस का वीजा फर्जी मिला था। इन सभी से पूछताछ की गई थी। उन्होंने बताया था कि दिल्ली के उत्तम नगर निवासी गुरविंदर सिंह मोखा और पंजाब के रोपड़ में रहने वाले संदीप कुमार नाम के एजेंटों के संपर्क में आए थे। सभी से 15-15 लाख की बात हुई थी, लेकिन डील 36 लाख में तय हुई। इन सभी के पासपोर्ट पर फर्जी वीजा लगाया गया था। पुलिस की जांच से पता चला कि इस मामले का मुख्य आरोपी गौरव गोसाईं है। जो दुबई से मानव तस्करी का रैकेट चलाता है। गैंग के पास से अब तक 34 पासपोर्ट, 4 फर्जी वीजा और अन्य सामग्री बरामद हुई है। इनमें कई दूतावासों की सील भी है।

delhi police 1

आईजीआई पुलिस के मुताबिक सभी आरोपियों से सख्त पूछताछ की गई। इससे पता चला कि प्रतीक शाह और भावसिंह भाई ने फर्जी वीजा और पीआर कार्ड तैयार किए थे। वाट्सएप के जरिए उप एजेंटों के माध्यम से यात्रियों के पासपोर्ट की तस्वीर हासिल कर वो फर्जी वीजा लगाने के लिए प्रतीक शाह को भेजता था। प्रतीक शाह हर फर्जी वीजा के लिए कमीशन लेता था। फर्जी वीजा तैयार कर सीओयू के जरिए भेजा जाता था। जिसे यात्री के पासपोर्ट पर लगा दिया जाता था। पुलिस अब इस रैकेट के मुख्य किरदार गौरव गोसाईं और उसके गैंग के बाकी लोगों की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है।