नई दिल्ली। मुंबई की एक अदालत ने शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उन्हीं की पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत पर मानहानि से जुड़े एक मामले में 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया लेकिन उन्होंने जुर्माना भरने के लिए कोर्ट से दो दिन का समय मांगा है। अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि इनके पास 2 हजार रुपए न हों, दरअसल बात कुछ और है। कोर्ट में जुर्माना कैश में स्वीकार नहीं किया गया बस इसी कारण से इन्होंने जुर्माना भरने के लिए कोर्ट से समय मांगा है। यह पूरा मामला शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे एक लेख से जुड़ा हुआ है। सामना में छपे एक लेख में दावा किया गया था कि शिवसेना के पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने दुबई और कराची में रियल एस्टेट में निवेश किया हुआ है। शिवसेना के टूट के बाद राहुल शेवाले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में चले गए हैं।
इस लेख के बाद राहुल शेवाले ने अपनी वकील चित्रा सालुंखे के माध्यम से सामना को एक नोटिस भेजा और इन आरोपों के बारे में जवाब मांगा। सामना की ओर से जवाब में कहा गया कि उन्होंने इंटरनेट से मिली जानकारी के आधार पर यह दावा किया था। इसके बाद राहुल शेवाले की तरफ से उनकी वकील चित्रा सालुंखे ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई और साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट में 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा भी दायर किया।
इस मामले में उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने मजिस्ट्रेट अदालत में खुद को आरोपमुक्त करने की मांग की थी, जिसे अक्टूबर में खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सत्र अदालत में इस आदेश को चुनौती दी। नियम के अनुसार उन्हें आदेश को तुरंत चुनौती देनी थी लेकिन उन्होंने निर्धारित समय से देर करते हुए याचिका दायर की। हालांकि सत्र अदालत ने देरी को माफ कर दिया मगर उन पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।