नई दिल्ली। किसी की भी भावनाओं की परवाह किए बगैर जिस तरह से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि विवादित बयानों की दरिया बहाए जा रहे हैं, उस पर अंकुश लगाने की कवायद अब विपक्षी दलों ने शुरू कर दी है। हालांकि, उनके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला काफी पहले ही शुरू हो चुका था, लेकिन दिल्ली और तमिलनाडु की पुलिस ने शायद उदयनिधि के रुतबे से खौफ खाकर प्राथमिकी दर्ज करने से गुरेज किया जिसका नतीजा हुआ कि एक या दो नहीं, बल्कि 262 गणमान्यों ने एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर उदयनिधि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वहीं, अब तमिलनाडु में भी उदयनिधि के खिलाफ विरोधी बयार शुरू हो गई है। इस बयार का आलम कुछ ऐसा है कि सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर उदयनिधि के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज करवाया है। अब कोर्ट उदयनिधि के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। दरअसल, बीते शनिवार को अपनी पार्टी के विधायक के पारिवारिक समारोह में शामिल हुए उदयनिधि ने अपने संबोधन में बीजेपी और तमिलनाडु की मुख्य विपक्ष दल AIADMK पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने बीजेपी को सांप की संज्ञा दी थी तो वहीं दूसरी तरफ एआईएडीएमके को कूड़े का ढेर बताया था, जिस पर अब विपक्षी दलों ने उदयनिधि के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
उदयनिधि ने अपने बयान में यह भी कहा था कि मैंने पहली बार सनातन धर्म के खिलाफ नहीं बोला है, बल्कि तमिलनाडु में तो पिछले 100 सालों से सनातन धर्म के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। अतीत में देखे तो संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर सहित कई गणान्य लोगों ने सनातन धर्म में फैले कुरीतियों के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद की थी और आज मैंने भी वही किया।
बता दें कि बीते दिनों उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन समिति को संबोधित करने के क्रम में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना जैसी बीमारियों से कर दी थी, जिस पर देशभर में आक्रोश देखने को मिला था। इसके बाद उनके पिता एमके स्टालिन ने अपने बेटे का बचाव किया था। इस बीच बीजेपी ने इंडिया गठबंधन को भी निशाने पर लिया था। बीजेपी ने राहुल गांधी पर भी तंजा कसा था कि आखिर उनकी मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान कहां से आ गया?