![Ashwini Vaishnaw Hacking Row: विपक्ष के फोन टैपिंग के आरोप पर आया केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान, Apple ने 150 देशों में जारी की एडवाइजरी](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2023/10/ASHWANI-12.jpg)
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष ने एकजुट होकर केंद्र की मोदी सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता में स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें फोन टैपिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उधऱ, अखिलेश यादव ने कहा कि फोन टैपिंग के जरिेए विरक्षी दलों की निजता पर प्रहार किया जा रहा है। वहीं, अब इस पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होने इस पूरे प्रकरण पर क्या कुछ कहा है?
#WATCH | On multiple opposition leaders allege ‘hacking’ of their Apple devices, Union Minister for Communications, Electronics & IT Ashwini Vaishnaw says “From the mail sent by from Apple, it can be understood that they have no clear information, they have sent alerts on the… pic.twitter.com/hSxOJicbwV
— ANI (@ANI) October 31, 2023
अश्विनी वैष्णव का बयान
उधर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेसवार्ता में बयान जारी कर कहा कि, ‘ जब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं होता है, तो इस तरह के आरोप लगाने शुरू कर दिेए जाते हैं, ताकि जनता को दिग्भ्रमित किया जा सकें। विपक्ष के पास अब केंद्र सरकार की घेराबंदी करने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है, तो इस तरह के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब ऊलजलूल मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करना विपक्ष की आदत बन चुकी है।
information by Apple on this issue seems vague and non-specific in nature. Apple states these notifications maybe based on information which is ‘incomplete or imperfect’. It also states that some Apple threat notifications maybe false alarms or some attacks are not detected.(2/5)
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 31, 2023
वहीं, केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि , ‘”Apple की ओर से भेजे गए मेल से यह समझा जा सकता है कि उनके पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, उन्होंने एक अनुमान के आधार पर अलर्ट भेजा है।” यह अस्पष्ट है। Apple ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है कि बाध्यकारी आलोचकों के आरोप सच नहीं हैं। ऐसी सलाह 150 देशों में लोगों को भेजी गई है। जो लोग देश का विकास नहीं देख सकते, वे विनाशकारी राजनीति कर रहे हैं…” वहीं, इस पूरे विवाद पर एपल की ओर से भी बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि एपल ने अपने बयान में क्या कुछ कहा है।
एपल ने क्या कहा ?
उधर, इस पूरे विवाद पर एपल ने भी बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सरकार जिन हैकर्स को समर्थन देती है, उनके पास बहुत ही फाइनेंशियल बैकिंग होती है और वो हर बार विशेष तरीके से अपने काम को अंजाम देते हैं। लिहाजा हमें इन सभी परिस्थितियों से बचने के लिए कई बार कर्ई प्रकार के खूफिया संकेतों का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में हमारे द्वारा भेजे गए कुछ अलर्ट फॉल्स भी हो सकते हैं। बहरहाल, इस बार हमारे द्वारा यह अलर्ट क्यों भेजा गया है। इसकी जांच हम कर रहे हैं, तो यह था एपल का बयान। आइए, अब आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।
जानें पूरा माजरा
दरअसल, एपल की ओर से सभी विपक्षी दलों को अलर्ट मैसेज भेजा गया। हालांकि, उस मैसेज के जरिए क्या कहा गया था। इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है, लेकिन विपक्षी दलों ने एकजुट होकर इसे केंद्र सरकार के विरोध में मुद्दा बना दिया है। केंद्र सरकार का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियादी हैं, जिनमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है।