newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Raid On PFI In UP: यूपी की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में एटीएस ने पीएफआई पर की छापेमारी, 14 लोग हिरासत में

पीएफआई पर केंद्र सरकार ने 2022 में बैन लगा दिया था। इससे पहले बिहार के फुलवारी शरीफ में पीएफआई का एक अहम दस्तावेज पुलिस के हाथ लगा था। इस दस्तावेज में पीएफआई ने बताया था कि साल 2047 में वो भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद ही संगठन पर बैन लगाने का फैसला किया गया।

लखनऊ। यूपी में इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ यूपीएटीएस की बड़ी कार्रवाई हुई है। सूत्रों के मुताबिक यूपीएटीएस ने लखनऊ, मुरादाबाद, मेरठ, वाराणसी और आजमगढ़ में छापे मारे हैं। शनिवार सुबह से लेकर देर रात तक छापेमारी की गई। इन छापों में लखनऊ से 1, मुरादाबाद से 1, आजमगढ़ से 3, वाराणसी से 4 और मेरठ से 5 आईएसआई कारकूनों को हिरासत में लेने की खबर है। बताया जा रहा है कि इनसे पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद और भी पीएफआई के लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं। इससे पहले एनआईए ने पीएफआई के लोगों की धरपकड़ के लिए यूपी में कई जगह छापेमारी की थी।

PFI Pic

पीएफआई पर केंद्र सरकार ने 2022 में बैन लगा दिया था। इससे पहले बिहार के फुलवारी शरीफ में पीएफआई का एक अहम दस्तावेज पुलिस के हाथ लगा था। इस दस्तावेज में पीएफआई ने बताया था कि साल 2047 में वो भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की तैयारी कर रहा है। पीएफआई के 2 एजेंट भी बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किए थे। इसके बाद ही एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। दो बार एनआईए की छापेमारी के बाद बहुत ही दहलाने वाले सबूत मिले थे। जिनकी बिनाह पर केंद्र सरकार ने पीएफआई पर बैन लगाया था।

pfi flag

अभी कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में भी पीएफआई का मुद्दा उछला हुआ है। पीएफआई के बारे में कहा जाता है कि इस्लामी आतंकी संगठन सिमी पर बैन लगने के बाद उसके ही कारकूनों ने पीएफआई का गठन किया। पीएफआई कैडर पर केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काट डालने और कई हिंदूवादी नेताओं पर हमले और हत्या करने का भी आरोप लग चुका है। पिछले दिनों खबर आई थी कि बैन लगने के बाद भी पीएफआई के एजेंट लगातार काम कर रहे हैं। इसके बाद एनआईए ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी।