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CM Yogi On Salar Masood Ghazi: ‘विदेशी आक्रांता का महिमामंडन देशद्रोह’, सालार मसूद गाजी का नाम लिए बिना सीएम योगी बोले- महाराजा सुहेलदेव ने उसे धूल में मिलाया

CM Yogi On Salar Masood Ghazi: सीएम योगी का बयान इस मायने में अहम है, क्योंकि बीते दिनों ही संभल पुलिस ने सालार मसूद गाजी के नाम पर होने वाले नेजा मेले को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। संभल पुलिस के एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र ने नेजा मेला लगाने वालों से साफ कहा था कि सालार मसूद गाजी आक्रांता था और उसके नाम पर अब तक कुरीति चली आ रही थी। जिसे अब पुलिस मंजूरी नहीं देगी। संभल के एडिशनल एसपी के इस बयान पर तमाम लोगों ने आपत्ति जताई थी।

बहराइच। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सैयद सालार मसूद गाजी का नाम लिए बिना निशाना साधा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बहराइच में मिहिंपुरवा तहसील के मुख्य भवन का गुरुवार को उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि विदेशी आक्रांता को इसी बहराइच में महाराजा सुहेलदेव ने धूल में मिलाने का काम किया था। योगी ने ये भी कहा कि बहराइच पहले ऋषि बालार्क के नाम पर था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति की दुनिया में तारीफ हो रही है। योगी ने कहा कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वो भी ऐसा ही करे। योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि नया भारत आक्रांताओं को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने किसी आक्रांता के महिमामंडन को देशद्रोह भी बताया। सुनिए योगी आदित्यनाथ ने और क्या कहा।

सीएम योगी का बयान इस मायने में अहम है, क्योंकि बीते दिनों ही संभल पुलिस ने सालार मसूद गाजी के नाम पर होने वाले नेजा मेले को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। संभल पुलिस के एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र ने नेजा मेला लगाने वालों से साफ कहा था कि सालार मसूद गाजी आक्रांता था और उसके नाम पर अब तक कुरीति चली आ रही थी। जिसे अब पुलिस मंजूरी नहीं देगी। संभल के एडिशनल एसपी के इस बयान पर तमाम लोगों ने आपत्ति जताई थी। नेजा मेले को मंजूरी न मिलने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव का भी बयान आया था। अब सीएम योगी ने सालार मसूद गाजी का नाम लिए बिना नेजा मेला के पक्ष में बोल रहे लोगों को सीधा जवाब दिया है।

बहराइच में सालार मसूद गाजी की कब्र है।

सालार मसूद गाजी साल 1014 में अजमेर में पैदा हुआ था। सालार मसूद गाजी अपने मामा और सोमनाथ मंदिर ध्वस्त करने वाले महमूद गजनवी का भानजा था। वो महमूद गजनवी का सेनापति भी रहा। इतिहास के मुताबिक साल 1034 में महाराजा सुहेलदेव ने सालार मसूद गाजी को बहराइच की चितौरा झील के किनारे युद्ध में मार दिया था। बहराइच में ही सालार मसूद गाजी की दरगाह है। वहां तमाम लोग जाते हैं। बहराइच से काफी दूर संभल में होली के बाद सालार मसूद गाजी के नाम पर नेजा मेला लगता रहा है।